सत्यखबर नरवाना (सन्दीप श्योरान) – कहते हैं कि जहां गाम होता है, वहां राम होता है। इस बात को सिद्ध कर दिखाया है गांव कर्मगढ़ वासियों ने। हुआ यूं कि गांव कर्मगढ़ में जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाए गए जलघर में गंदगी का आलम था। इस मामले में विभाग कुछ भी नहीं कर रहा था, तो गांव वालों ने जलघर की सफाई खुद करने की सोची। इसके लिए रविवार को गांव के ही वीएलडीए वजीरसिंह द्वारा रिबन कटवाकर स्वच्छता अभियान की शुरुआत की गई।
अभियान के अंतर्गत ग्रामीणों ने अनावश्यक रूप से उगी घास- फूस को उखाड़ा, ताकि वे स्वच्छ पानी पी सकें। ग्रामीणों का कहना था कि जन स्वास्थ्य विभाग को जलघर की सफाई तो क्या करवानी थी, विभाग द्वारा यहां कोई नियमित कर्मचारी भी नियुक्त नहीं किया गया है तथा करोड़ों रुपयों से बना यह जलघर लावारिश बनकर रह गया है।
खुले नाले से आता है जलघर में पानी
गांव के इस जल घर में धरौदी माइनर से खुले नाले द्वारा पानी आता है। ग्रामीण ही इस नाले की दूर से सफाई करके लाते हैं। इतना ही नहीं, यह नाला जगह-जगह टूटा पड़ा है, जिससे पीने का पानी व्यर्थ बहता रहता है। जलघर का टैंक भी गंदगी से अटा पड़ा है। पानी सप्लाई की पाइप के वाल्व भी लीकेज रहते हैं, जिसके कारण थोड़ी सी ऊंची गलियों में पानी नहीं पहुंच पाता। ग्रामीणों की मांग है कि जलघर के टैंक तथा लीकेज की मरम्मत करवाई जाए, ताकि पानी की सप्लाई सुचारू रूप से चल सके और उनको शुद्ध व स्वच्छ पानी मिल सके।
जलघर के तालाब में सफाई ना होना उनके संज्ञान में नहीं है। पिता जी की मृत्यु होने के कारण हो सकता है जेई ध्यान न दे पाया हो। सोमवार से सफाई का काम करवा दिया जाएगा। नियमित कर्मचारी की जहां तक बात है, ये नियुक्तियां सरकार द्वारा की जानी हैं।
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