हवन व भंडारा लगाकर धूमधाम से मनाया गया स्वामी गौरक्षानंद जन्मोत्सव
सफीदों, महाबीर मित्तल
सफीदों शहर स्थित गौशाला में स्वामी गौरक्षानंद महाराज का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर गौभक्तों ने स्वामी गौरक्षानंद प्रतीमा पर माल्यार्पण किया। उसके उपरांत वैदिक मंत्रोचारण के बीच हवन करके भंडारे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता इस गौशाला के संरक्षक रामेश्वर दास गुप्ता व प्रधान पाले राम राठी ने की। इस कार्यक्रम में क्षेत्रभर से आए सैकड़ों गौभक्तों ने गौचराण व हडवारों की जमीन कब्जाधारियों ने खाली करवाने की मांग जोरदार ढंग से उठाई। पूर्व पालिका अध्यक्ष रामेश्वर दास गुप्ता ने कहा कि आज गोवंश की इतनी दुर्गति देखकर उनकी आत्मा विलाप कर रही है। बाहर से लोग गौमाता का दूध पीकर गोवंश को यहां पर छोड़कर चले जाते हैं तथा बदनामी सफीदों की होती है। अभी कुछ दिन पूर्व गोभक्तों को गाय को दफनाने भर के इंतजाम के लिए सड़क पर धरने पर बैठना पड़ा। उससे अगले दिन किसी अधर्मी व्यक्ति ने एक गोमाता की आंखें व जबड़ा निकालकर उसे गली में छोड़ दिया गया। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि तो नंदी सड़कों पर घूम रहे हैं उन्हे नंदीशाला में भेजा जाए और बेसहारा गऊओं को गौशालों में भेजा जाए, ताकि उनकी अच्छे तरीके से सेवा-संभाल हो सके। उन्होंने कहा कि मृत गोवंश को दबाने की जिम्मेवारी नगरपालिका की है लेकिन इस कार्य को गौशालाओं और गौभक्तों के भरोसे पर छोड़ दिया गया है।
प्रधान पालेराम राठी ने कहा कि सफीदों की गौशालाएं लगभग जनता के सहयोग से चल रही है। सरकार और प्रशासन की ओर से कोई सहयोग इन्हें प्राप्त नहीं है। गोचराण व हडवारों की जमीनों पर लोगों ने कब्जा किया हुआ है। मृत गोवंश को दबाने के लिए गौशालाओं के पास कोई जेसीबी मशीन उपलब्ध नहीं है और अब तो नगरपालिका ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन भी लोगों ने गौचराण व हडवारों की जमीनों पर कब्जा किया हुआ है, वे सरासर गौमाता के श्राप के अधिकारी हैं। उनका कभी भी भला नहीं हो सकता। आज गौमाता संकट में है। उन कब्जाधारी लोगों को चाहिए कि वे असहाय गौमाता की अपील सुनकर ही कम से कम उनकी जमीनों पर से कब्जा छोड़ दें।
गौभक्त एवं पूर्व पुलिस अधिकारी राजकुमार ने कहा कि सफीदों क्षेत्र में काफी गौचराण व हडवारे की जमीन पड़ी है लेकिन उन जमीनों पर कुछ दबंग व रसूखदार लोगों ने कब्जा किया हुआ है। उसका दुष्परिणाम यह है कि गौमाता सड़कों पर भूखी-प्यासी धक्के खाने को मजबूर हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि वह इन जमीनों को खाली करवाकर गौशालाओं को सौंप दें ताकि निराश्रित गौवंश का अच्छे से आश्रय मिल सके।
यह भी पढ़ें:- बीजेपी सांसद के बयान पर भड़की खाप पंचायतें, महापंचायत कर लेंगी बड़ा फैसला
गौशाला के महासचिव शैलेंद्र दीवान का कहना था कि हरियाणा सरकार द्वारा जैविक डीएपी खाद बनाने का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने सरकार व जिला प्रशासन से अनुरोध किया कि सफीदों शहर स्थित गौशाला में 4 से 5 एकड़ जमीन खाली पड़ी है तथा इस इसमें एक जैविक डीएपी खाद का प्लांट लगाया जा सकता है। सफीदों में चार से पांच गौशालाएं है और इनमें जैविक डीएपी खाद को बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में गोबर की उपलब्धता है। अगर यह डीएपी का प्लांट लग जाता है तो गौशालाएं स्वावलंबी तो बनेंगी ही वहीं क्षेत्र के किसानों को भी भारी लाभ पहुंचेगा।
वहीं एडवोकेट जसवीर मलिक ने कहा कि आज के दौर में गौमाता का जीवन संकट में है। क्षेत्र की गौशालाएं व गौभक्त गौमाता की सेवा के लिए बेहतरीन कार्य तो कर रहे है लेकिन इसमें सरकार और प्रशासन की भी अत्यधिक मदद की आवश्यकता है। सरकार व प्रशासन अगर गौचराण व हडवारों की भूमि खाली करवा ले तो गौमाता का पेट आसानी से भर पाएगा तथा हडवारों की जमीन में मृत गोवंश को सहजता से दबाया जा सकता है। कार्यक्रम में ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित हुआ कि इस आशय के संबंध में एक मांगपत्र केंद्र व राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
Aluminium reprocessing Aluminium surface treatment recycling Scrap metal utilization centers