सत्यखबर चंडीगढ़ (अशोक छाबड़ा) – लॉकडाउन और घरों में कैद रहने की बंदिशें शुरू होने के बाद कोरोना से लडऩा जहां आम आदमी के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था। वहीं हरियाणवियों ने ऐसी प्रेरणात्मक मिसाल पेश की,जिसने पूरे देश में इतिहास रचते हुए सूबे का नाम रोशन कर दिया है। हरियाणवियों के जज्बे और इस अजीब दौर में देश में स्थापित किए इस खास कीर्तिमान पर सरकार के साथ-साथ आमजन का भी गौरवान्वित होना लाजिमी है।
दरअसल, प्रदेश में ऐसे गंभीर मरीज जिन्हें रेगुलर खून की जरूरत रहती है, लॉकडाउन की वजह से ज़िलों में ब्लड डोनेशन कैंपों की संख्या कम होने से उनकी जान आफत में आ गई थी। लेकिन इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी हरियाणा स्टेट ब्रांच के आह्वान पर तमाम बंदिशों और संक्रमण के खतरे के बावजूद हरियाणवी ऐसे मरीजों की जान बचाने जज्बे के साथ अपने घरों से निकले और रक्तदान कर देश में इतिहास रच दिया। लॉकडाउन में हरियाणा आज देश में से ज्यादा रक्तदान करने वाला प्रदेश बन गया।
गंभीर मरीजों को रक्तवीरों ने, नहीं होने दी खून की कमी
हरियाणा स्टेट रेडक्रॉस सोसाइटी के जनरल सेक्रेटरी डीआर शर्मा बताते हैं कि प्रदेश में थैलेसीमिया, कैंसर, हीमोफीलिया, सिजेरियन प्रेग्नेंसी समेत इमरजेंसी श्रेणी के काफी मरीजों को खून की लगातार जरूरत रहती है। प्रदेश में करीबन 800 मरीज थैलेसीमिया के हैं। जिन्हें महीने में 2 बार खून चाहिए। इसी तरह हीमोफीलिया के 600 मरीज, कैंसर के करीब 400 मरीज और हर महीने सिजेरियन प्रेग्नेंसी की लगभग 550 महिलाओं के लिए खून की आवश्यकता जरूरी रहती है। इमरजेंसी केस में कभी भी मरीज को खून की जरूरत पड़ती है। डीआर शर्मा ने बताया कि इस लॉकडाउन पीरियड में अचानक लोग घरों में कैद हो गए और कैंप लगने बंद हो गए।
इससे ऐसे गंभीर मरीजों के जीवन पर संकट खड़ा हो गया। इन गंभीर मरीजों की जान आफत में घिरी देख हरियाणा के रक्तदाताओं से सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल के दायरे में रक्तदान करने की अपील की गई। डीआर शर्मा के अनुसार हमें उम्मीद नहीं थी कि संक्त्रस्मण के इस खतरे के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में रक्तवीर घरों से निकलेंगे। लेकिन इस लॉकडाउन में हरियाणा देश में रक्तदान करने के मामले में सबसे अग्रणी राज्य बन गया।
लॉकडाउन में 436 कैंप, 21286 यूनिट इकठ्ठा हुआ रक्त
25 मार्च से लेकर 17 मई तक लॉकडाउन पीरियड के दौरान प्रदेश में हरियाणा स्टेट रेडक्त्रसॅस सोसाइटी की निगरानी में अब तक विभिन्न जिलों में 436 कैंप लग चुके हैं। जिसमें 21286 यूनिट रक्त एकत्रित किया जा चुका है। जो कि देश में सबसे अधिक है। इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी की स्टेट लेवल ब्लड डोनेशन सर्विसिस की 25 मार्च से 30 अप्रैल तक की जारी रिपोर्ट भी यदि देखें तो भी हरियाणा सबसे आगे रहा। 30 अप्रैल तक जारी रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में 223 रक्तदान शिविर लग चुके थे। जिसमें 11613 यूनिट रक्त एकत्रित किया जा चुका था। जो देश मे सबसे अधिक रहा।
इसी तरह पंजाब में 78 शिविरों में 1941 यूनिट, आंध्र प्रदेश में 58 शिविरों में 3331 यूनिट,असम में 8 शिविरों में 85 यूनिट, गोवा में 6 शिविरों में 273 यूनिट,हिमाचल प्रदेश में 6 शिविरों में 678 यूनिट, कर्नाटक में 8 शिविरों में 690 यूनिट, मध्य प्रदेश में 715 यूनिट, महाराष्ट्र में 258 शिविरों में 3542 यूनिट, मणिपुर में 3 शिविरों में 18 यूनिट क्त एकत्रित हुआ था। ओडिशा में 48 शिविरों में 4445 यूनिट, तमिलनाडु में 9 शिविरों में 379 यूनिट तेलंगाना में 7000 यूनिट, उत्तर प्रदेश में 86 यूनिट, उत्तराखंड में 750 यूनिट, और वेस्ट बंगाल में 191 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ था। कई राज्यों में लॉकडाउन पीरियड के दौरान रक्तदान शिविर नहीं लगाए गए।
Scrap aluminium finance Scrap aluminum yard Sustainable metal processing