सत्य खबर, नई दिल्ली
इस साल देश को आजाद हुई 75 साल पूरे होने वाले हैं और इसलिए पूरे देश में आजादी का अमृतमहोत्सव भी मनाया जा रहा है। ऐसे में इस खास मौके पर कई खास परियोजनाओं को भी शुरू किया जाना है। बताया जा रहा है कि इस खास मौके पर अब केंद्र सरकार हरियाणा के तीन शहरों को निर्यात हब बनाने की योजना तैयार कर चुकी हैं। इन तीन शहरों में दिल्ली एनसीआर के भी दो शहर शामिल हैं।
यहाँ केंद्र सरकार अब निर्यात हब विकसित करने वाली है। इसमें फ़रीदाबाद, गुरुग्राम और पानीपत का नाम शामिल है। तीनों ही शहर औद्योगिक क्षेत्र के रूप में खास पहचान रखते हैं। ऐसे में अब इन तीनों ही शहरों में निर्यात हब विकसित किया जाएगा। हालांकि केंद्र सरकार ने निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए 75 जिलों का चुनाव किया है। इस योजना के साकार होते ही हरियाणा में जहां एक्सपोर्ट का व्यापार बढ़ जाएगा, वही लाखों लोगों को रोजगार से भी जोड़ा जा सकेगा
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अलग अलग क्षेत्रों में करेंगे निर्यात
बता दें कि ये तीनों ही शहर औद्योगिक रूप से काफी महत्व रखते हैं। इन तीनों ही शहरों में अब औद्यिगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि फ़रीदाबाद को वाहनों के उपकरण और इंजीनियरिंग सामान के लिए निर्यात हब के रूप में विकसित किया जाएगा। वहीं गुरुग्राम को इंजीनियरिंग सामान और सेवा क्षेत्र व पानीपत को हाथ से बने कपड़ा और कारपेट के लिए निर्यात हब के रूप में विकसित करने की योजना को तैयार किया जा रहा है।
इसके अलावा भी कई शहरों को इसमें शामिल किया गया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा निर्यात हब बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश के शिमला औए सोलन, दक्षिण पश्चिम दिल्ली, उत्तरप्रदेश के वाराणसी, भदोशी, कानपुर, गौतम बुद्ध नगर, मुरादाबाद और उत्तराखंड के देहारादून और हरीद्वार के साथ साथ पंजाब के साहिबजादा अजीत सिंह नगर, लुधियाना और जालंधर को भी शामिल किया गया है।
लघु उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा
बता दें कि ये तीनों ही शहर औद्योगिक नज़रिये से काफी पुराने शहर हैं। यहाँ निर्यात की भी काफी संभावनाएं हैं। बताया जा रहा है कि इस फैसले से सरकार सूक्ष्म और लघु उद्योगों को भी बढ़ावा देना चाहती है। इसके लिए उन्हें प्रोत्साहन पैकेज भी दिया जाएगा जिससे उन्हें अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी। वहीं अब इसके लिए अफसरों की भी जवाबदेही को तय कर दिया गया है।
सरकार भी निर्यात हब पर नतीजे चाहती है इसलिए इसकी निगरानी का जिम्मा भी अफसरों को ही सौंपा गया है। वहीं केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा कई क्लस्टर भी बनाए जाएंगे ताकि निवेशकों को भी निवेश के लिए आकर्षित किया जा सके। सरकार भी अब वन ब्लॉक वन प्रॉडक्ट योजना पर काम कर रही है।
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