सत्य खबर, नई दिल्ली
कैप्टन अभिलाषा बराक भारतीय सेना में पहली महिला लड़ाकू विमानवाहक बनी. अधिकारियों ने कहा कि नासिक में कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल में आयोजित एक समारोह के दौरान उन्हें सेना के विमानन महानिदेशक द्वारा 36 सेना पायलटों के साथ प्रतिष्ठित ‘विंग्स’ से सम्मानित किया गया है. “कैप्टन बराक कॉम्बैट आर्मी एविएशन कोर्स के सफल समापन के बाद आर्मी एविएशन कॉर्प्स में कॉम्बैट एविएटर के रूप में शामिल होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं.” कैप्टन बराम मुलत: हरियाणा की रहने वाली हैं और उन्हें सितंबर 2018 में आर्मी एयर डिफेंस कोर में शामिल किया गया था. लड़ाकू विमानवाहक कर्नल एस ओम सिंह (सेवानिवृत्त) की बेटी हैं. कैप्टन अभिलाषा ने आर्मी एविएशन कोर में शामिल होने से पहले कई पेशेवर सैन्य पाठ्यक्रम पूरे किए हैं. आर्मी एविएशन कॉर्प्स सेना का एक घटक है जिसका गठन नवंबर 1986 में किया गया था.
कोर का नेतृत्व एक लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अधिकारी होता है जिसे आर्मी एविएशन के महानिदेशक के रूप में जाना जाता है.पिछले कुछ वर्षों में, कोर ने नई इकाइयों और चीता ध्रुव, रुद्र हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर और दूर से चलने वाले विमान जैसे अत्याधुनिक उपकरणों को शामिल करने के साथ तेजी से विस्तार किया है. ‘स्विफ्ट एंड श्योर’ के आदर्श वाक्य के साथ भारतीय सेना की सबसे युवा कोर बल गुणक की अपनी भूमिका को आगे बढ़ाने के लिए युद्ध के मैदान में अपने सामरिक महत्व में और वृद्धि करने के लिए तैयार है. बीते कुछ वर्षों में तीनों सेवाओं ने धीरे-धीरे महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण पोस्टिंग खोली है.
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साल 2018 में भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने अकेले लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रचा. उन्होंने अपनी पहली एकल उड़ान में मिग-21 बाइसन उड़ाया. चतुर्वेदी जुलाई 2016 में फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन की गई तीन सदस्यीय महिला टीम का हिस्सा थीं. जब सरकार ने प्रयोग के तौर महिलाओं के लिए फाइटर स्ट्रीम खोलने का फैसला किया था.साल 2020 में नौसेना ने डोर्नियर समुद्री विमान पर महिला पायलटों के अपने पहले बैच को तैनात करने की घोषणा की. साल 2019 में सेना ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए महिलाओं को सैन्य पुलिस में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की. सैन्य पुलिस की भूमिका में छावनियों और सेना प्रतिष्ठानों की पुलिसिंग, सैनिकों द्वारा नियमों और विनियमों के उल्लंघन को रोकना और शांति और युद्ध के दौरान सैनिकों की आवाजाही के साथ-साथ रसद को बनाए रखना शामिल है.
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