सत्य खबर, हिसार
हरियाणा में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है. गुरुवार को हरियाणा में बारिश (rain in haryana) की वजह से सर्द हवाओं में तेजी आई है. गुरुवार को चंडीगढ़, पंचकूला, कुरुक्षेत्र और रोहतक में बारिश दर्ज की गई है. चंडीगढ़ में सबसे ज्यादा 8.4 एमएम बारिश दर्ज की गई. जबकि पंचकूला में 5.5 एमएम बारिश दर्ज की गई. ऐसी ही कुरुक्षेत्र में 3.5 और रोहतक में 3.0 एमएम बारिश दर्ज की गई. जिससे की सर्दी में थोड़ा इजाफा हुआ है.
अगर बात तापमान की करें तो गुरुवार को भिवानी में तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस रहा. जोकि प्रदेश में सबसे कम तापमान दर्ज किया गया. वहीं दिन का अधिकतम तापमान महेंद्रगढ़ (नारनौल) में दर्ज किया गया. यहां दिन का अधिकतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. आने वाले दिनों में मौसम विभाग ने हरियाणा में बारिश की संभावना जताई है. मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते बुधवार रात से ही मौसम (haryana weather updates) बिगड़ गया.
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जिसके बाद वीरवार को प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश हुई. जिससे दिन का तापमान लुढ़क गया. हिसार समेत कई शहरों में सीवियर कोल्ड-डे घोषित किया गया. जहां दिन और रात्रि का तापमान लगभग बराबर ही आ गया. हिसार में दिन का तापमान 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज पर पहुंच गया जो सामान्य से 10 डिग्री नीचे रहा. वहीं रात्रि तापमान 10 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. दिन और रात के तापमान में बेहद कम अंतर बचा, इसी स्थिति में सीवियर कोल्ड-डे घोषित किया जाता है.
प्रदेश के ज्यादातर जिलों में 3 फरवरी को हल्की बारिश की बौछार हुई, लेकिन 4 फरवरी तक प्रदेश के अन्य जिलों खासकर उत्तरी हरियाणा के जिलों में कुछ एक स्थानों पर बारिश होने की संभावना है. वहीं 5 फरवरी से पूरे प्रदेश में मौसम साफ हो जाएगा. अच्छी धूप निकलने से लोगों को भी ठंड से राहत मिलेगी. हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विभाग ने प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से 4 फरवरी को बारिश की संभावना जताई है.
जिसके चलते मौसम वैज्ञानिकों ने किसानों से सिंचाई रोकने और स्प्रे ना करने की सलाह दी है. हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉक्टर रामनिवास के अनुसार अभी तक फसलों को नुकसान हो इतनी ज्यादा बारिश नहीं हुई है. अगर हवाओं के साथ तेज बारिश होगी तो फसलों को नुकसान होगा. इस समय गेहूं व सरसों को पानी की जरूरत नहीं है. फिलहाल सरसों की फसल में बीज की बढ़वार के अंतिम दौर में है. वहीं गेहूं की फसल में तना बनने की प्रक्रिया चल रही है. इसलिए हल्कि बारिश से किसी फसल को कोई नुकसान नहीं होगा.
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