सत्यखबर हरियाणा (अशोक छाबड़ा) – प्रदेश मे राशन वितरण में गड़बड़ी की आशंका और लगातार इस संदर्भ में मिल रही शिकायतों के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब राशन डिपो पर पहले की तरह बायोमेट्रिक सिस्टम से ही राशन बंटेगा। लाभार्थी राशन के लिए सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल का पालन करते हुए डिपो पर पहुंचेंगे और वहां मौजूद आधार लिंक्ड बायोमेट्रिक मशीन पर अपने अंगूठे या अंगुलियों का निशान देंगे। निशान मिलने के बाद ही अब उन्हें राशन वितरित किया जाएगा।
बायोमेट्रिक से ही राशन मिलेगा
प्रदेश के बीपीएल,एएवाई और ओपीएच राशन कार्डधारकों के साथ-साथ शुरू की गई डिस्ट्रेस राशन टोकन (डीआरटी) स्कीम के तहत बिना राशन कार्ड वाले गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को भी अब राशन बायोमेट्रिक से ही मिलेगा। जबकि सरकार ने पहले इन लोगों को जारी किए गए टोकन पर ही राशन देने का निर्णय लिया था। 2 महीने के अंतराल राशन वितरण में गड़बड़ी की आशंका और शिकायतों के मद्देनजर सरकार को यह फैसला बदलना पड़ा है।
इसके लिए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग हरियाणा ने आंध्रप्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ में एनआईसी मुख्यालयों के टेक्निकल निदेशकों को पत्र लिखकर राशन वितरण के दौरान मौजूदा बायोमेट्रिक सिस्टम के सॉफ्टवेयर में जरूरी बदलाव करने का आग्रह किया है। एएवाई, बीपीएल और एपीएल लाभार्थियों का डाटा तो पहले से ही सॉफ्टवेयर में फीड था। मगर डीआरटी स्कीम के तहत बिना राशन कार्ड वाले लोगों का डाटा भी इससे अटैच हो जाएगा। सरकार ने जून तक डीआरटी के अंतर्गत बिना राशन कार्ड वाले 486124 परिवारों को टोकन जारी किया है। जिसके तहत 1293880 गरीब लोगों को राशन मिलेगा।
गड़बड़ी की आशंका, विभाग सतर्क
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग को राशन वितरण में गड़बड़ी की आशंका के पीछे एक मजबूत आधार है। अप्रैल और मई में सरकार में जो निशुल्क राशन वितरित किया। उसे लेने वाले लाभार्थियों एवं वितरण का आंकड़ा एकदम से बढ़ गया। अप्रैल से पहले तक हर महीने विभिन्न राशन डिपो पर आधार लिंक बायोमेट्रिक सिस्टम से ही लाभार्थियों को राशन मिलता था। हर महीने राशन लेने वाले लाभार्थियों व वितरण की औसतन दर 85 से 90 प्रतिशत होती थी।
विभाग इस दर को बिल्कुल उचित मानता है। राशन लेने वाले लाभार्थियों की दर 98 प्रतिशत तक पहुंच गई। इस बात की आशंका है कि चूंकि राशन बिना बायोमेट्रिक के वितरित हुआ है,तो ऐसे में कहीं मिलीभगत के चलते डिपो संचालकों ने फर्जी लोगों को तो नहीं राशन बांट दिया, क्योंकि आज तक राशन वितरण की प्रतिशत दर 98 प्रतिशत तक नहीं पहुंची है। जबकि मिलीभगत कर फर्जी राशन बांटने की शिकायतें भी फील्ड से लगातार आ रही हैं।
साबुन से हाथ धोकर लगाएंगे अंगूठा
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने बताया कि राशन वितरण के दौरान किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न रहे,राशन सही लाभार्थी के हाथ तक पहुंचे और कोई फर्जी व्यक्ति इसका अनुचित लाभ न उठाए। इसी को देखते हुए फिर से नए सॉफ्टवेयर के साथ बायोमेट्रिक सिस्टम की शुरुआत की जा रही है। डिस्ट्रेस राशन टोकन वाले लाखों लाभार्थी भी बायोमेट्रिक से ही राशन लेंगे। सभी राशन डिपो पर हाथ धोने के लिए साबुन और पानी का इंतजाम रहेगा। लोग पहले साबुन से हाथ धोएंगे। उसके बाद बायोमेट्रिक पर अपना अंगूठा व अंगुली लगाएंगे।
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