सत्यखबर, जयपुर
राजस्थान में सीमावर्ती जैसलमेर जिला में जासूसी के कई मामले पकड़े जाने के बावजूद रुकने का नाम नहीं ले रही है। जैसलमेर के चांदण गांव से खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले एक युवक को पकड़ा है। पाकिस्तानी खुफि या एजेंसी आईएसआई के जाल में फंसाकर हनी ट्रैप का शिकार हुए इस युवक से पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी युवतियों के चक्कर में आरोपी युवक देश के साथ गद्दारी कर रहा था।
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बता दें कि चांदण में भारतीय वायु सेना की फायरिंग रेंज है। सेना के सभी महत्वपूर्ण हथियारों व गोला बारूद का परीक्षण इसी रेंज में किया जाता रहा है। देश के परमाणु परीक्षण भी इसी रेंज के निकट ही हुए थे। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से यह रेंज बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस गांव के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार के युवक को एटीएस व इंटेलीजेंस ने कल देर रात फ़ोन कॉल रिकॉर्ड के आधार पर पकड़ा है। बताया जा रहा है कि खुफि या एजेंसियां काफी दिनों से युवक पर नजर रखे हुए थी।
बताया जा रहा है कि युवक बहुत शातिर है पाकिस्तान से होने वाली प्रत्येक कॉल को हाथों हाथ डिलीट कर देता था। हालांकि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि उसने आईएसआई को क्या-क्या जानकारी भेजी है। खुफिया एजेंसियां उसके मोबाइल से डेटा रिकवर करने का प्रयास कर रही हैं ताकि उसके माध्यम से भेजी गई सूचनाओं की जानकारी एकत्रित की जा सके।
आईएसआई ने पूरे क्षेत्र में स्लीपर सेल का जाल बिछा रखा है। ये ऐसे एजेंट्स होते हैं जो हमेशा सक्रिय नहीं रहते पर जरूरत पडऩे पर महत्वपूर्ण जानकारी लीक कर देते हैं। इन लोगों का मुख्य कार्य सैनिकों व सरपंचों के मोबाइल नंबर एकत्रित कर पाकिस्तान भेजना होता है। इसके बाद महिला एजेंट्स इनसे संपर्क साध अपने जाल में फं साना शुरू कर देती हैं।
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के स्लीपर सेल जैसलमेर में सक्रिय हैं। वे यहां से पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को क्षेत्र के प्रभावशाली लोगों के नंबर भेजते रहते हैं। इसके बाद शुरू होता है हनी ट्रैप का खेल। आईएसआई की महिला एजेंट्स ऐसे लोगों को लगातार फोन कॉल कर अपने जाल में उलझाती रहती हैं। ये महिलाएं वीडियो कॉल के जरिये बातचीत कर शिकार को अपने मोहजाल में फ ंसाती है। यही नहीं बातचीत करते हुए ये महिलाएं अपने कपड़े उतारती जाती हैं। एक बार शिकार जाल में फंसने के बाद ये उसे बदनाम करने की धमकी देकर क्षेत्र में सेना की हलचल सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी मांगती रहती हैं। वहीं इनके जाल में फंसा व्यक्ति कभी बाहर नहीं निकल पाता।हालांकि जैसलमेर क्षेत्र में हनी ट्रैप का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पूर्व भी कई लोग इसी तरह हनी ट्रैप का शिकार हो चुके हैं।
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