राष्‍ट्रीय

बिलकिस बानो मामले में 11 आरोपियों ने किया सरेंडर

सत्य खबर/वडोदरा।

गुजरात दंगों के दौरान हुए बहुचर्चित बिलकिस बानो गैंग रेप केस के सभी आरोपियों ने पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. रविवार देर रात 11 दोषी दो वाहनों में दाहोद जिले के सिंगवाड से गोधरा उप-जेल पहुंचे। सरेंडर करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है. दरअसल, 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सभी दोषियों को समय से पहले रिहा करने के गुजरात सरकार के फैसले को पलट दिया था. कोर्ट ने सभी दोषियों को दो हफ्ते के भीतर यानी 21 जनवरी तक सरेंडर करने को कहा था.

आत्मसमर्पण करने वाले 11 दोषियों में जसवंत नाई, गोविंद नाई, शैलेश भट्ट, राधेश्याम शाह, बिपिन चंद्र जोशी, केसरभाई वोहनिया, प्रदीप मोर्दहिया, बाकाभाई वोहनिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदना शामिल हैं। इनमें से बकाभाई वाहनिया को छोड़कर बाकी दस ने हाल ही में शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर आत्मसमर्पण के लिए समय बढ़ाने की मांग की थी।

किसी ने अपने माता-पिता की देखभाल के लिए, किसी ने पैर की सर्जरी के लिए, किसी ने फसल की कटाई के लिए और किसी ने अपने बेटे की शादी का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण करने के लिए अधिक समय देने का अनुरोध किया। . 19 जनवरी को उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था और सभी को 21 जनवरी तक सरेंडर करने को कहा था.

दोषियों को 15 अगस्त 2022 को जेल से रिहा कर दिया गया। 15 अगस्त 2022 को बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले के 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने उनकी सजा में छूट देकर गोधरा जेल से रिहा कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ पीड़िता बिलकिस बानो और कई अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

30 नवंबर 2022 को बिलकिस बानो ने गुजरात सरकार के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी. करीब 13-14 महीने बाद कोर्ट ने 8 जनवरी को फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार के फैसले को पलट दिया. इस दौरान कोर्ट ने गुजरात सरकार को कड़ी फटकार भी लगाई थी. इस आदेश के बाद बिलकिस गांव में खूब पटाखे फोड़े गए. इस दौरान बिलकिस ने कहा कि आज मेरा नया साल शुरू हो गया है और पिछले डेढ़ साल में पहली बार मेरे चेहरे पर मुस्कान आई है.

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