सत्य खबर, जींद, महाबीर मित्तल:
जनपद के गांव ऊझाना में कृषि से संबंधित विवादित कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के बीच एक किसान द्वारा शुरू किए गए तप को लेकर भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) की प्रदेश स्तरीय टीम ने गांव में पहुंचकर इस मामले की जानकारी ली। टीम की अगुवाई भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला व प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने की। गांव में पहुंचने पर भाकियू की ग्राम इकाई व ग्रामीणों के साथ टीम ने विस्तार से चर्चा की। इस अवसर पर करीब 40 गांव के प्रमुख किसान व भाकियू नेता मौजूद रहे। बताया गया है कि प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने भाकियू के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर गांव में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया है। ज्ञातव्य है कि गांव ऊझाना का किसान रामभज गत एक सप्ताह से गांव के बीच 7 जलती धूनियों के बीच बैठ कर प्रतिदिन करीब 3 घंटे तप कर रहा है। किसान रामभज केंद्र सरकार की हठधर्मिता से उदास होकर यह तप कर रहा है। किसान रामभज ने भाकियू टीम को बताया कि केंद्र सरकार लगातार 6 महिने से आंदोलित किसानों कीे मांगो को न मानकर किसान समुदाय का उत्पीडऩ कर रही है। इसलिए इस वक्त पड़ रही भीष्ण गर्मी के दौरान आग से जलती 7 धूनियों के बीच दोपहरी में तप करने का निर्णय लिया है। ताकि भगवान अडियल प्रधानमंत्री को सद्बुद्वि दे। किसान नेता रतनमान ने कहा कि रामभज द्वारा उठाए गए इस कड़े कदम ने यह जता दिया है कि किसान अब हर तरह की कुर्बानी करने के लिए तैयार है।
प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने गांव ऊझाना की पवित्र भूमि को सलाम करते हुए आंदोलित किसान रामभज को इस कदम को छोडने के लिए मनाने के भरपूर प्रयास किए। मान ने बताया कि फिलहाल रामभज ने अपना तप जारी रखने की बात कही है। मान ने फोन के माध्यम से सोमवार किए गए ऊझाना गांव के किए गए दौरे की राष्ट्रीय महासचिव युद्वबीर सिंह को जानकरी दी। किसान नेता एंव भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत व राष्ट्रीय महासचिव युद्वबीर सिंह आने वाली 3 जून को गांव ऊझाना पहुंच रहे है। यह जानकरी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने बताया कि 3 जून को किसान रामभज को मनाने के प्रयास किए जाएगें। ताकि इस कठोर कदम छोड़ कर आंदोलन की अहम भूमिका में रामभज को जोड़ा जाए। इस अवसर पर प्रदेश महासचिव जियालाल ढुंढवा, प्रदेश संगठन सचिव शाम सिंह मान, प्रवक्ता छज्जूराम कंडेला, कैथल जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह सहारण, युवा किसान नेता विकास सिसर, युवा नेता गुरनाम सहारण, सुरेंद्र प्रधान उचाना, मास्टर बलबीर बदोवाल, छज्जूराम ऊझाना, सुनिल उचाना, सोनू शर्मा ऊझाना, दलबीर ऊझाना, राजकुमार, महताब कादियान, रिशाल सिंह टयोंठा, हरपाल, प्रितम सिंह लाम्बा सहित सैंकडो किसान मौजूद थे।
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