सत्य खबर, नई दिल्ली
हालिया विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त का सामना करने के बाद आज कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक होगी. जिसमें हार के कारणों की समीक्षा और आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. वहीं कांग्रेस पार्टी ने उन खबरों का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि गांधी परिवार के सदस्य सभी संगठनात्मक पदों से इस्तीफा दे देंगे. कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक को आज सुबह 10 बजे 10 जनपथ पर र्निर्धारित किया गया है.
CWC की बैठक ऐसे समय होने जा रही है जब कांग्रेस ने पंजाब में सत्ता गंवा दी और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है. सोनिया गांधी पिछले कुछ समय से सक्रिय रूप से प्रचार नहीं कर रही हैं, प्रियंका गांधी के अलावा राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक रहे हैं. साथ ही भाई-बहन की जोड़ी पार्टी के महत्वपूर्ण फैसलों में भी प्रमुख भूमिका निभाती है.
उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा के नेतृत्व में एक हाई लेवल प्रचार अभियान के बावजूद, राज्य में कांग्रेस 403 विधानसभा सीटों में से केवल दो पर जीत हासिल कर सकी. कांग्रेस की वोट हिस्सेदारी भी कम होकर 2.33 प्रतिशत हो गई और उसके अधिकतर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई.
पार्टी की 2019 के आम चुनावों में लगातार दूसरी हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष के रूप में फिर से पार्टी की बागडोर संभाली थी. उन्होंने ने भी अगस्त 2020 में पार्टी नेताओं के एक वर्ग ‘जी-23’ द्वारा खुले विद्रोह के बाद पद छोड़ने की पेशकश की थी लेकिन CWC ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया था.
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इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के ‘जी 23’ समूह के कई नेताओं ने शुक्रवार को भी बैठक की जिसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गयी. राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी शामिल हुए.
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस कार्य समिति में शामिल ‘जी 23′ के नेता सीडब्ल्यूसी की बैठक में चुनावी हार का मुद्दा और पार्टी संगठन में जरूरी बदलाव और जवाबदेही सुनिश्चित करने की अपनी पुरानी मांग उठा सकते हैं. ‘जी 23’ समूह के प्रमुख सदस्य गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा कांग्रेस कार्य समिति में शामिल हैं.
हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उन खबरों को ‘‘गलत और शरारती’’ करार देते हुए खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि गांधी परिवार के सदस्य पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने पार्टी में किसी बड़े बदलाव को खारिज कर दिया। उन्होंने ट्विटर पर कहा कि कथित इस्तीफे की खबरें अनुचित, शरारती और गलत हैं.
लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने कहा, ‘‘अफवाह फैलाने वालों के चेहरे कल लटक जाएंगे.’’इस बीच, पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बजट सत्र के दूसरे हिस्से के लिए रणनीति पर चर्चा करने के वास्ते रविवार सुबह अपने आवास पर पार्टी के संसदीय रणनीति समूह की बैठक बुलाई है.
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बजट सत्र का दूसरा हिस्सा सोमवार शुरू हो रहा है। गांधी कांग्रेस के संसदीय दल की अध्यक्ष भी हैं. कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह में शामिल नेताओं ने अगस्त, 2020 में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में सक्रिय अध्यक्ष और संगठन में आमूल-चूल परिवर्तन की मांग की थी. इस समूह के दो नेता जितिन प्रसाद और योगानंद शास्त्री अब कांग्रेस छोड़ चुके हैं.
जी-23 नेताओं ने पिछले विधानसभा चुनावों के बाद सुधारात्मक उपायों का सुझाव दिया था, जब कांग्रेस पुडुचेरी में चुनाव हार गई थी और केरल, असम और पश्चिम बंगाल में कोई अच्छा प्रदर्शन करने में असफल रही, लेकिन उस मोर्चे पर बहुत कम काम हुआ.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने स्वीकार किया कि कांग्रेस संगठनात्मक कमजोरी के कारण हार गई, लेकिन कहा कि पार्टी नेतृत्व में बदलाव की कोई जरूरत नहीं है. चौधरी ने कहा, ‘हमारी पार्टी में संगठनात्मक कमजोरी है और यही वजह है कि हम हारे हैं.’उन्होंने कहा कि पार्टी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘अगला नेता कौन होगा? अगर नेतृत्व में बदलाव का मतलब राहुल गांधी या प्रियंका गांधी को हटाना है, तो किसी से यह पूछना चाहिए कि उनकी जगह कौन लेगा. राहुल और प्रियंका दोनों पूरे दिल से कोशिश कर रहे हैं, उनके प्रयास में कोई संदेह नहीं है.’’
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