सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
प्रदेश सरकार द्वारा गेहूं की खरीद करने के बाद किसानों को 72 घंटे में भुगतान करने का दावा किया था, लेकिन अब यह दावा फेल साबित हो रहा है। क्योंकि किसानों को अभी तक सरकार ने भुगतान नहीं किया है। किसान संजीव ढाकल, बग्गा सिंह आदि ने बताया कि उन्होंने 20 अप्रैल को खरीद शुरू होने के बाद एजेंसियों को सीधे अपनी फसल बेची थी। जिसके बाद उनको कहा गया था कि उनके खाते में 72 घंटे में राशि आ जायेगी। लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी उनको भुगतान नहीं किया गया है। वे एजेंसियों के कार्यालय के चक्कर काट-काटकर थक चुके हैं, लेकिन उनको ऑनलाइन पोर्टल बंद होने का हवाला दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वे सीधे एजेंसियों को फसल बेचकर पछता रहे हैं, क्योंकि आढ़तियों को फसल बेचते तो उनको खर्चें के लिए रूपये तो मिल जाते। लेकिन वे अब इधर के रहे ना उधर के। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनको जल्द भुगतान करवाया जाये, ताकि घर का खर्च चला सके।
गेहूं का उठान न होने से आ रही है दिक्कत
मंडियों में जहां गेहूं के आवक में तेजी आई है, वैसे की गेहूं का उठान होने से आढ़तियों व किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसका कारण यह है कि मंडियों में खुले आसमान के नीचे गेहूं की ढेरियां व बैग रखे हुए है। मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। लेकिन उठान न होने के कारण बोरियों व ढेरियों को भीगने से रोका नहीं जा सकता। मार्केट कमेटी के सचिव जोगेंद्र सिंह ने बताया कि मंडियों मेंं 13 लाख 76 हजार 355 क्ंिवटल गेहूं की खरीद की जा चुकी है, लेकिन एजेंसियों ने अभी तक 4 लाख 14 हजार 355 क्विंटल गेहूं का उठान किया है। जबकि 9 लाख 61 हजार 960 क्ंिवटल गेहूं का उठान होना बाकी है।
मार्केट कमेटी ने एजेंसियों व फर्मों को दिये नोटिस
मार्केट कमेटी के सचिव जोगेेंद्र सिंह ने बताया कि एजेंसियों द्वारा गेहूं का उठान बहुत धीमी गति से करने के कारण उनको नोटिस दिया गया है। अगर नोटिस मिलने के बाद उठान में तेजी नहीं लाई गई, तो उनके खिलाफ कारवाई को लिखा जायेगा। वहीं आढ़तियोंं की फर्मों द्वारा गेहूं की ढेंरियों को तिरपाल से न ढकने और बोरियों के नीचे स्टैग न रखने पर 6 फर्मों को नोटिस दिया गया है।
बॉक्स
किसानों के खाते में सीधे ही पेमेंट आयेगी। लेकिन 10 दिन से ऑनलाइन पोर्टल बंद होने के कारण समस्या आ रही है। जैसे ही ऑनलाइन पोर्टल खुलेगा, किसानों के खाते में पेमेंट ट्रांसफर कर दी जायेगी।
नरेश नैन, मैनेजर
हैफेड एजेंसी, नरवाना।
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