सत्य खबर,गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज: 875 days of temporary employees’ protest
गुरुग्राम नगर निगम से करीब ढाई साल पहले निकाले गए कुछ अस्थाई कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन 875 दिन बीत
जाने के बाद भी चल रहा है। लेकिन ना तो इस तरफ जिला प्रशासन और ना ही प्रदेश की भाजपा सरकार कोई ध्यान दे रही है। जिसको लेकर धरने पर बैठे पीड़ितों ने करीब 20वा स्मरण पत्र प्रदेश के स्थानीय निकाय मंत्री को भेजा है। अब देखना यह है कि इस पत्र पर प्रदेश सरकार के मंत्री कुछ कार्रवाई करते हैं या पहले पत्रों की तरह इसको भी रद्दी की टोकरी में डाल देते हैं।
पीड़ित बेरोजगार शेखर यादव ने पत्र की कॉपी दिखाते हुए बताया कि उनको करीब 2 साल 4 महीने पहले नगर निगम के भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारियों ने बगैर किसी पूर्व सूचना के निकाल दिया था। जिनमें से करीब 227 से ज्यादा अस्थाई कर्मचारी दुबारा लगा लिए गए हैं। लेकिन गुरुग्राम निगम के भ्रष्ट और तानाशाही अधिकारियों ने कुछ कर्मचारियों की अभी तक अनदेखी की जा रही है। जो कि पिछले करीब 876 दिन से धरने पर बैठे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। पीड़ितों ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने देश के राष्ट्रपति तक भी काफी पत्र लिख चुके हैं लेकिन अभी तक उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने खुलेआम निगम के कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोपी खुलकर लगाएं । उनका कहना था कि एक दफा तत्कालीन अधिकारी वैशाली शर्मा ने भी उनको बातचीत के लिए बुलाया था और पूरा आश्वासन दिया था कि उनके साथ न्याय किया जाएगा और जो भी भ्रष्टाचार कर्मचारियों के साथ हो रहा है उस पर भी जांच कराई जाएगी लेकिन आज तक कोई जांच-पड़ताल नहीं हुई है।
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पत्र के अनुसार उन्होंने बताया कि निगम में करीब 524 कर्मचारियों का कार्य संतोषजनक नहीं था । फिर भी उनमें से कुछ कर्मचारी अभी भी निगम में कार्य कर रहे हैं। शेखर यादव ने निगम के अतिरिक्त आयुक्त रोहतास सिंह बिश्नोई का भी नाम लेकर खुलेआम भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप लगाए। उनका कहना था कि निगम में जो अस्थाई कर्मचारी सरेआम भ्रष्टाचार फैला रहे हैं उनको तो शिकायत करने के बाद भी कुछ वरिष्ठ अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। उन्होंने काफी नाम भी बताएं जो कि निगम में जमकर भ्रष्टाचार फैला रहे हैं। उन्होंने अपनी शिकायत को ट्विटर पर भी प्रदेश के आला अधिकारीओ को टेग करके भी अवगत कराया है। वही उन्होंने दुखी मन से बताया कि उनके पास धरना प्रदर्शन शक्ल पर बैठने के लिए एक टेबल थी जो उपायुक्त कार्यालय के बाहर लगाया था उसको भी प्रशासन ने वहां से हटवा लिया है, उनका कहना था कि सरकार उनपर व उनके परिवार पर जानलेवा हमला करवा सकती है। समरण
पत्र की प्रति उन्होंने प्रदेश व केंद्र के करीब 25 मंत्रियों, अधिकारियों और विभागाध्यक्ष को भी प्रेषित की है। बता देगी कि पीड़ित बेरोजगार शेखर यादव वही है जिसने नगर निगम गुड़गांव के डिप्टी कमिश्नर विजयपाल यादव के खिलाफ आरटीआई का सही जवाब न देने पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सहित हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश व अन्य अधिकारियों और मंत्रियों को शिकायत भेजी थी,जिस पर प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव ने कार्रवाई करते हुए डिप्टी कमिश्नर विजयपाल यादव को सस्पेंड कर दिया था। 875 days of temporary employees’ protest
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