सत्यखबर, दिल्ली
ओबीसी संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। इसे हाल ही में संसद के दोनों सदनों से पास कराया गया था। इस कदम के बाद अब राज्यों को अपनी ओबीसी सूची बनाने का अधिकार मिल गया है।आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद यह बिल संसद में पेश किया गया था। मई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि सिर्फ केंद्र को ये अधिकार है कि वह ओबीसी समुदाय से जुड़ी सूची तैयार कर सके। इस पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इसपर आपत्ति जाहिर की गई थी,
इसी के बाद अब केंद्र सरकार संविधान संशोधन विधेयक लाकर इसे कानूनी रूप दिया था।गौरतलब है कि संसद में संविधान के अनुच्छेद 342-ए और 366(26) सी के संशोधन और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद राज्यों के पास ओबीसी वर्ग में अपनी आवश्यकता के अनुसार, जातियों को अधिसूचित करने की शक्ति मिलेगी। इससे महाराष्ट्र में मराठा समुदाय, गुजरात में पटेल समुदाय हरियाणा में जाट समुदाय और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को ओबीसी वर्ग में शामिल करने का अवसर मिल सकता है, ये सभी जातियां लंबे वक्त से आरक्षण की मांग कर रही हैं।
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