सत्यखबर, मुंबई
मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में आर्यन खान के साथ-साथ अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा को जमानत मिल गई है। हालांकि कोर्ट ने बेल देने के साथ कुछ शर्तें भी रखी हैं। जिनका तीनों आरोपियों को बेल पीरियड के दौरान पान करना होगा। बेल ऑर्डर के मुताबिक तीनों आरोपियों को हर शुक्रवार को एनसीबी के मुंबई ऑफिस में पेश होना होगा। इसके साथ एनडीपीएस कोर्ट की अनुमति के बिना वह देश नहीं छोड़ सकते।कोर्ट ऑर्डर के मुताबिक, बिना एनडीपीएस कोर्ट की अनुमति के आर्यन और अन्य दोनों आरोपी देश नहीं छोड़ सकते। साथ ही उन्हें तुरंत अपना पासपोर्ट विशेष न्यायालय के समक्ष सरेंडर करने को कहा गया है। कोर्ट के ऑर्डर के मुताबिक अपने सह-आरोपी के साथ संपर्क रखने पर भी रोक रहेगी।
ये हैं कोर्ट ऑर्डर की सभी शर्तें-
कोर्ट ऑर्डर के मुताबिक अभियुक्त को 1 लाख रुपये का पीआर बांड देना होगा. यह एक या अधिक जमानत राशि के साथ पेश कर सकते हैं.
आरोपी उन गतिविधियों के समान किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे जिनके आधार पर उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज है.
अभियुक्त अपने सह-अभियुक्त या किसी अन्य व्यक्ति से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी माध्यम से संपर्क स्थापित करने की कोशिश नहीं करेगा जो समान गतिविधियों में शामिल हैं.
अभियुक्त कोई भी ऐसा काम नहीं करेगा जो माननीय विशेष न्यायालय की कार्यवाही के समक्ष कार्यवाही के प्रतिकूल हो.
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आरोपी न तो व्यक्तिगत रूप से और न ही किसी के माध्यम से गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास करेगा हैं और न ही सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेगा.
अभियुक्तों को अपना पासपोर्ट तत्काल विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना होगा.
अभियुक्त विशेष न्यायालय के समक्ष लम्बित पूर्वोक्त कार्यवाही के संबंध में किसी भी तरह के मीडिया में कोई बयान नहीं देगा. (जिसमें प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया शामिल है).
अभियुक्त ग्रेटर मुंबई स्थित विशेष एनडीपीएस न्यायाधीश की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेगा.
यदि अभियुक्तों को ग्रेटर मुंबई से बाहर जाना है, तो वे जांच अधिकारी को सूचित करेंगे और जांच अधिकारी को अपना यात्रा कार्यक्रम देंगे.
आरोपियों को हर शुक्रवार को अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए सुबह 11 से 2 बजे के बीच एनसीबी मुंबई कार्यालय में उपस्थित होना होगा.
जब तक किसी उचित कारण से रोका न जाए, अभियुक्त को न्यायालय में सभी तिथियों में उपस्थित होना होगा.
जब कभी भी कहा जाए आरोपियों को एनसीबी अधिकारियों के समक्ष पेश होना होगा.
एक बार ट्रायल शुरू होने के बाद, आवेदक/अभियुक्त किसी भी तरह से ट्रायल में देरी करने की कोशिश नहीं करेंगे.
यदि अभियुक्त इनमें से किसी भी शर्त का उल्लंघन करते हैं, तो एनसीबी को उनकी जमानत रद्द करने के लिए सीधे विशेष न्यायाधीश/न्यायालय में आवेदन करने का अधिकार होगा.
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