पानीपत : अवैध निर्माण हटाने पर हंगामा, हुई पत्थरबाजी
सत्य खबर, पानीपत। जिले में गुरुवार को प्रशासन ने अवैध निर्माण धवस्त करने का अभियान चलाया। इस अभियान के तहत टीम जाटल रोड स्थित करीब 30 साल पुराना शिव मंदिर तोड़ने के लिए गई। जहां जमकर हंगामा हो गया। अवैध निर्माण तोड़ने पहुंची जेसीबी के आगे बड़ी संख्या में लोग लेट गए। माहौल बिगड़ने पर मौके पर भारी पुलिस बल पहुंचा।
इस दौरान प्रशासनिक कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों के बीच तन गई। माहौल इस कदर गरम हो गया कि प्रशासनिक अधिकारी अवैध निर्माण को तोड़ने की जिद्द पर अड़े तो मौके पर पत्थरबाजी शुरू हो गई। पत्थरबाजी के दौरान जेसीबी के शीशे तोड़ दिए गए। पुलिस ने किसी तरह माहौल को काबू में किया और मौके पर एसडीएम को बुलाया गया। अब प्रशासन अवैध निर्माण तोड़ने और लोग बचाने के लिए मौके पर ही खड़े हैं। एक तरफ प्रशासन तो दूसरी तरफ मंदिर के आगे भारी संख्या में लोग खडे़ हुए हैं।
नहरी विभाग की जमीन पर है मंदिर
जाटल रोड पर नहरी विभाग की जमीन पर शिव मंदिर बनाया हुआ है। विभाग ने नोटिस जारी कर मंदिर हटाने के लिए कहा। मंदिर को ढहाया नहीं गया तो नहरी विभाग की टीम जेसीबी लेकर पहुंच गई। इससे पहले कि मंदिर को ढहाया जाता, महिलाएं आगे अड़ गईं। कहने लगीं मंदिर नहीं तोड़ने दिया जाएगा। मौके पर पहुंचे कांग्रेस के पूर्व पार्षद सुनील वर्मा ने साफ कर दिया कि वे जान दे देंगे लेकिन मंदिर नहीं हटने देंगे।
उनका कहना है कि यह लोगों की आस्था से खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां पर गरीब लोग रहते हैं। आम लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा है। मंदिर तो किसी भी हालत में टूटने नहीं दिया जाएगा। महिलाएं जब जेसीबी के सामने अड़ गईं तो महिला पुलिस भी मौके पर पहुंच गईं। अभी हालात देखे जा रहे हैं, अगर ज्यादा देर तक महिलाएं अड़ी रहीं तो महिला पुलिस की मदद से महिलाओं को हटाया जाएगा।
लोग बोले: तीस साल से कहा था प्रशासन
महिलाओं ने कहा कि पहले मॉडल टाउन, गोहाना रोड से अवैध निर्माण हटाओ। इसके बाद मंदिर गिराओ। बीच से निर्माण क्यों गिराया जा रहा है। इसके पीछे साजिश है। लोगों ने कहा कि वे मंदिर की रजिस्ट्री कराने के लिए तैयार हैं। लोग अपनी तरफ से पैसा देंगे। मंदिर को बचाना चाहते। किसी भी हाल में मंदिर को गिरने नहीं देंगे। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मंदिर के बाद दूसरे अवैध निर्माणों को गिराया जाएगा। यहां से रास्ता निकलता है। लोगों ने सवाल कि ये मंदिर तीस साल पुराना है। इससे भी पुराने घर हैं। तब प्रशासनिक अफसर कहां थे। अब क्यों तोड़ने आए हैं।
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