राष्‍ट्रीय

आजादी के 72 साल के बाद भी शहीदों के सपने नहीं हुए पूरे – सत्यपाल सिवाच

सत्यखबर, नरवाना, (सन्दीप श्योरान) :-

महान क्रान्तिकारियों शहीद-ए-आजम भगतसिंह, राजगुरु व सुखदेव के 89वें शहीदी दिवस पर शहीदों के सपनों का भारत और वर्तमान दौर की चुनोतियाँ विषय पर भगतसिंह अध्ययन केन्द्र में आयोजित सेमिनार की अध्यक्षता शीशपाल गुलाडी व मंच संचालन सुरेश कुमार ने किया। सेमीनार मेें बसाऊ राम कलौदा, जयपाल दनौदा, उमेद खरल और प्रदीप शर्मा के नेतृत्व में टीम ने शहीदों की याद में रागनियां पेश की। मुख्य वक्ता मा. सत्यपाल सिवाच ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आजादी के 72 साल बीत जाने के बावजूद शहीदों द्वारा दिखाए गए सपने पूरे नहीं हो पाए हैं।

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आज भी सबके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और गरिमामय जीवन जीने की सुविधाएं आम जनता को नहीं मिल पाई हैं। मजदूरों, किसानों, अल्पसंख्यकों, दलितों और महिलाओं को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी सरकारों के बनती है। लेकिन ये सुरक्षा वास्तव में मिल नहीं पा रही है। ऐसे में साम्राज्यवाद और सांप्रदायिकता का खात्मा करना आज के दौर की सबसे भंयकर चुनौती है। इस अवसर पर फूल सिंह श्योकंद, मा. बलबीर सिंह, सतबीर खरल, सतबीर सिंह, चांद बहादुर, सुरेश कुमार, रामचन्द्र, नरेश दनौदा, प्रदीप शर्मा, होशियार नैन, सोहन दास सहित अनेक लोग उपसिथत रहे।

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