सत्य को धारण करके ही मनुष्य परोपकार कर सकता है – विकासदास
सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – जनकल्याण शिक्षा एवं सुधार समिति के तत्वधान में नगर के ऐतिहासिक महाभारतकालीन नागक्षेत्र सरोवर हाल में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए तपोमूर्ति परमपूज्य विकास दास महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत श्रीकृष्ण का स्वरूप है। बुद्धिमान व्यक्ति वही है जो ज्ञान की हर बात को ग्रहण करे और अपने जीवन में अपनाएं। महापुरुषों के प्रवचनों पर अमल करने से हमें परम सुख की प्राप्ति होती है और सत्य के मार्ग पर चलने की भी प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि भागवत कथा में दिए उपदेशों पर चलकर मनुष्य इस कलयुग में ईश्वर को प्राप्त कर सकता है।
कथा ज्ञान का वह भंडार है, जिसके वाचन और सुनने से वातावरण में शुद्धि तो आती ही है, साथ ही मन और मस्तिष्क के पापों को भी काटता है। उन्होंने कहा कि मन को एकाग्र करने व इंद्रियों पर संयम रखकर प्रारब्ध कर्मों के पाप को क्षय करने एवं पुण्य उदय से ही ऐसे धार्मिक अनुष्ठान कुल को पवित्र करके पितरों की मुक्ति होती है। पाण्डवों के धर्म कर्म एवं मोक्ष का वृतान्त श्रवण करवाते हुए एवं सत्य को जीवन में धारण कर मनुष्य धर्म कर्म परोपकार कर सकते है। पाण्डवों के जीवन में अत्यधिक कष्ट आए किन्तु उन्होंने सत्य का साथ नहीं छोड़ा अन्तत: उनकी विजय हुई।