सत्य ख़बर, दिल्ली
दुनिया के देशों में तेजी से फैल रही मंकीपॉक्स की बीमारी को लेकर यूके की हेल्थ एजेंसी ने गाईडलाइन्स जारी की हैं. इसमें हेत्थ एजेंसी ने कहा है कि यदि मंकीपॉक्स के मरीज ठीक महसूस कर रहे हैं तो वो घर पर ही आइसोलेटेड हो सकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक मंकीपॉक्स पेनडेमिक का रूप नहीं लेगा, हालांकि इस वायरस के बारे में अभी कई बातें नामालूम हैं. मंकीपॉक्स का प्रकोप मई के शुरूआती दिनों से हुआ था.
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डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि इसके बाद से ही ये बीमारी दुनिया के 20 देशों में अपने पैर पसार चुकी है. इसमें 300 सस्पेक्टेड और कंर्फम केस हैं. मंकीपॉक्स का प्रकोप अचानक से होना और इसका फैलना दुनिया के लिए खतरे की घंटी है, क्योंकि ये भी नजदीकी संपर्क में आने से फैलती है. यहां हम आपको मंकीपॉक्स से जुड़ी कुछ अहम बातें बताने जा रहे हैं.
जांच में जिन लोगों के मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, उनके करीबी संपर्क में रहने वाले लोगों को 21 दिनों के लिए घर पर अलग-थलग रहने के लिए कहा गया है। ऐसे लोगों को सलाह दी गई है कि वे किसी भी नये चकत्ते या घाव पर नजर रखें, जो उनके शरीर के किसी भी हिस्से पर धब्बे, अल्सर या छाले की तरह दिखाई दे सकते हैं।
ताजा दिशानिर्देश में कहा गया है कि वर्तमान में इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मंकीपॉक्स ‘यौन द्रव्य’ के माध्यम से फैल सकता है, लेकिन जिन लोगों में वायरस की पुष्टि हुई है उन्हें एहतियात के तौर पर संक्रमण होने के बाद आठ सप्ताह तक कंडोम का उपयोग करने की सलाह दी गई है। यूकेएचएसए ने कहा कि हालांकि यह सलाह सभी पर लागू होती है, लेकिन अब तक संक्रमण के अधिकांश मामले समलैंगिक और उभयलिंगी पुरुषों में मिले हैं।
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