सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – उपमंडल के डिडवाड़ा गांव में डिपो होल्डर द्वारा फर्जी हस्ताक्षर करवाकर मृत लोगों के लाखों रूपये का राशन हड़प करने का मामला सामने आया है। घोटाले का खुलासा आरटीआई के माध्यम से हुआ है। इस मामले की पत्रकारों को जानकारी देते ही आम आदमी पार्टी के सोनीपत लोकसभा क्षेत्र के संगठन मंत्री अनिल तुषीर व आरटीआई कार्यकत्र्ता महेंद्र ने बताया कि डिडवाड़ा गांव के डिपो होल्डर ने अनपढ़ व सालों पहले मरे हुए लोगों के फर्जी हस्ताक्षर करके उनके का नाम का राशन खाकर सरकार को लाखों रूपये का चुना लगाया है। घोटाले की सूचना 15 जनवरी 2019 को उच्च अधिकारिओं, सीएम फ्लाइंग सहित प्रधानमंत्री तक को भेजी है जिस पर आजतक कोई कार्रवाही नहीं की है।
सरकार अगर जल्द ही इस पर कार्रवाई नहीं करती है तो आम आदमी पार्टी घोटाले को जनता के बीच ले जाकर आन्दोलन करेगी। आरटीआई कार्यकर्ता महेंद्र ने डिपो होल्डर पालाराम पर आरोप लगाते हुए बताया कि गांव के करीब 166 लोगों का राशन डिपो होल्डर द्वारा फर्जी हस्ताक्षर व अंगूठे लगाकर हड़प कर लिया गया है। ये जानकारी तो उसके द्वारा इकठ्ठा की गई है इसकी अगर गहनता से जांच की जाए तो और लोगों के नाम से भी फर्जीवाडा करके लाखों रूपये का राशन डिपो होल्डर द्वारा हड़प करने का घोटाला सामने आ सकता है। महेंद्र ने बताया कि सन् 1988 में मृत पांडू के नाम का राशन 2016 तक जारी किया गया था। वहीं 2015 में गांव छोडक़र जा चुके पासा राम के नाम से भी फर्जी हस्ताक्षर करके राशन दिया गया।
जनवरी 2016 में गांव में तीन मौत हुए थी जिनके फर्जी तौर पर अंगुठे लगाकर डिपो होल्डर राशन जारी कर रहा है। महेंद्र ने बताया कि गांव के लोगों को गैस कनेक्शन होने के नाम पर मिट्टी का तेल राशन कार्ड पर नहीं देने को कहा गया लेकिन उनके फर्जी हस्ताक्षर व अंगूठे लगाकर मिट्टी तेल जारी किया गया। जिसकी अनुमानित कीमत करीब 35 लाख रूपये तक जा सकती है। इसी प्रकार गांव के लोगों का राशन डिपो से मिलने वाली के दाल, गेहूं आदि को भी फर्जी हस्ताक्षर व अगुंठे लगा कर डिपो होल्डर द्वारा हड़प कर लिया गया है। मामले की निष्पक्षता से जाँच करने पर यह घोटाला करोड़ रूपये तक भी जा सकता है। महेंद्र ने 28 दिसम्बर 2018 को जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक से गांव डिडवाड़ा के प्रत्येक राशनकार्ड धारक हर महीने को कब से कब तक राशन दिया गया की सूचना मांगी थी। जिसके जवाब में 09 फरवरी 2017 को सहायक खाद्य एवं पूर्ति अधिकारी ने जवाब दिया कि सूचना बहुत बड़ी है इसलिए आपको 24 सौ पेजों के 4800 रूपये देने होंगें।
रूपये जमा करवाने पर दी गई जानकारी से असंतुष्ट महेंद्र द्वारा पहली अपील की गई लेकिन उसे वहां से भी निराशा ही हाथ लगी। जिसके बाद महेंद्र ने 11 सितम्बर 2018 को दूसरी अपील स्टेट इनफार्मेशन कमीशन हरियाणा को लगाई जहां से उसे 25 अक्टूबर 2018 तक देने का वादा किया गया लेकिन जानकारी के नाम पर उसे अस्पष्ट दिखाई देने वाले पेज मिले। जिस पर महेंद्र ने जींद में विभाग के कर्मचारी को स्टेट इनफार्मेशन कमिश्नर को फोन करने की बात कही गई। जिस पर 18 नवम्बर 2018 को जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक द्वारा एक पत्र भेजा गया जिसमें डिपो होल्डर द्वारा पीओएस मशीन द्वारा राशन बांटने की बात कही गई जिसका रिकॉर्ड विभाग की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। महेंद्र के अनुसार विभाग की वेबसाइट पर कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। डिपो होल्डर पाला राम द्वारा विभाग को दिए ब्यान में कहा गया है कि अगस्त 2015 में चीनी आई ही नहीं जबकि सहायक खाद्य अधिकारी सफीदों द्वारा बताया गया कि डिपो को चीनी दी गई है। इस दौरान उसे गांव से कईं बार डराया व धमकाया गया लेकिन उसने बिना डरे इस भष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई जारी रखी।
क्या कहता हैं डिपो होल्डर
इस मामले में डिपो होल्डर पालेराम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोई फर्जी हस्ताक्षर नहीं करवाएं गए है। परिवारों के कोई भी सदस्य कार्ड धारक के नाम के सामने अपने हस्ताक्षर करके राशन ले जा सकता है। मेरे ऊपर सभी आरोप गलत लगाए जा रहें है। जो आरटीआई शिकायतकर्ता महेंद्र है वे 2014 से उसका ओपीएच राशन कार्ड कटने के कारण मुझसे रंजिश रखता है, जोकि कुछ लोग उसकी 455 कार्डों में आरटीआई में मृत पाए गए है, उसके परिवार के कार्ड धारकों ने विभाग को परिवार के सदस्यों की मृत्यू के बारे में कोई सुचना नहीं दी और वे खुद राशन लेते रहें।
क्या कहते हैं एएफएसओ
इस मामले में सहायक खाद्य एवं पूर्ति अधिकारी सतीश सेतिया बात की गई तो कहा कि मामला काफी पुराना है। इसमें एक डिपो होल्डर प्रेम की तो चार माह पहले मौत हो चुकी है। जोकि दूसरे डिपो होल्डर पालाराम है, उसके उपभोक्ताओं से बात की जाएंगी। जिसकी जांच वीरवार तक पुरी करके जिला अधिकारी को सौंप दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि वे गांव में जाकर मामले की जांच करेंगे और मृत्य लोगों के परिवारों के सदस्यों के ब्यान दर्ज किए जाएंगे।
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