absconding bjyumo leader in fraud case
सत्य खबर, आगरा
आगरा में फॉर्च्यूनर कार बेचने के नाम पर 27.25 लाख रुपये हड़पने की आरोपी भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की ब्रज क्षेत्र मंत्री दिव्या चौहान और उनके भाई उमेश चौहान की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश का दावा कर रही है। वहीं दिव्या चौहान ने फरार होने से पहले ही आरटीओ में तहरीर की कॉपी देकर अपनी गाड़ी को ब्लैक लिस्ट में डलवा दिया। इसकी भनक पुलिस को भी नहीं लग सकी।absconding bjyumo leader in fraud case
बमरौली कटारा निवासी रिहान खान ने दो अक्तूबर को नाऊ की सराय निवासी भाजयुमो नेता दिव्या चौहान और उनके भाई उपदेश चौहान से फॉर्च्यूनर कार का सौदा 30.25 लाख रुपये में किया था। उससे 27.25 लाख रुपये ले लिए थे, लेकिन कार नहीं दी। आरोप है कि उसने रिहान और उसके साथियों को पीटा। वह जान बचाकर भागे थे। मामले में थाना खंदौली में दिव्या चौहान, उपदेश, अमित सिंह और रिषभ सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी, मारपीट सहित अन्य धारा में मुकदमा दर्ज हुआ, तभी से पुलिस आरोपियों को तलाश करने का दावा कर रही है।
सोमवार को पुलिस को सूर्य नगर कॉलोनी से फॉर्च्यूनर कार मिल गई थी। इस पर नंबर नहीं लिखा था। इसे जब्त कर लिया गया। सूत्रों के अनुसार आरोपी सोमवार को आरटीओ कार्यालय पहुंचे थे। गाड़ी चोरी होने के बारे में बताया, कहा कि ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए। आरटीओ के कर्मचारियों को थाने में दी तहरीर की कॉपी दी गई। इसके बाद आरटीओ के ऑनलाइन पोर्टल पर उक्त गाड़ी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया। इस बारे में आरटीओ से जानकारी मांगी गई तो उनका कहना था कि गाड़ी को ब्लैक लिस्ट करने के लिए जो शर्तें हैं, उन्हें पूरी करने के बाद ही ब्लैक लिस्ट की गई होगीabsconding bjyumo leader in fraud case
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थाना खंदौली पुलिस की एक टीम भाजयुमो मंत्री सहित अन्य की तलाश में लगी है। दबिश का दावा किया जा रहा है। इसके बावजूद आरोपियों के आरटीओ पहुंचकर गाड़ी को ब्लैक लिस्ट करने और तहरीर की कॉपी देने से कई सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सर्विलांस की मदद ली जा रही है। उनके रिश्तेदार और परिचितों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। चर्चा यह है कि दिव्या आगरा से बाहर किसी परिचित के यहां पर छिपी हुई हैabsconding bjyumo leader in fraud case
आरआई के मुताबिक, गाड़ी के चोरी होने या धोखाधड़ी से किसी के हड़पने के बाद गाड़ी का मालिक उसे ब्लैक लिस्ट करवा सकता है। ब्लैक लिस्ट किए जाने के बाद गाड़ी की खरीद फरोख्त नहीं हो सकती है, क्योंकि गाड़ी ट्रांसफर करने के लिए आरटीओ आना होगा और पोर्टल पर गाड़ी ब्लैक लिस्ट नजर आएगी। यह प्रक्रिया तब तक पूरी नहीं होगी, जब तक कि गाड़ी को ब्लैक लिस्ट से नहीं हटवाया जाता है।एसपी आरए पश्चिमी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीम लगी है। आगरा में कई जगह दबिश दी गई है। गाड़ी ब्लैक लिस्ट कराई गई है तो जानकारी जुटाई जाएगी।
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