2,000 रुपये के नोटों को छोटे मूल्यवर्ग में बदलने की कवायद के पहले दिन मंगलवार को कुछ बैंक शाखाओं में छोटी कतारें देखी गईं। आरबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी गाइडलाइन के मुताबिक आज यानी मंगलवार से 2,000 रुपये के नोटों को बदलने की सुविधा दी जा रही है। एक व्यक्ति बिना कोई फॉर्म भरे या मांग पर्ची के एक बार में 20,000 रुपये यानी दो हजार के दस नोटों की बदली कर सकता है। नोट बदलने वाले व्यक्ति को अपने पहचान का प्रमाण भी प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। मंगलवार को बैंक शाखाएं खुलने पर नोटों को बदलने के लिए काउंटरों पर कोई खास भीड़ नहीं देखी गई। मेट्रो शहरों में निजी क्षेत्र के बैंकों के आउटलेट्स में शुरुआती घंटों में सामान्य रूप से कामकाज होता दिखा।
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सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंक के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अभी तक दो हजार के नोट बदलने वाले लोगों की ज्यादा भीड़ नहीं देखी गई है क्योंकि इसके लिए चार महीने का समय है। बैंक शाखाओं में सामान्य ढंग से कामकाज चल रहा है। नोटबंदी के समय की तुलना में बदले जाने वाले नोटों की मात्रा भी कम है। बता दें कि 8 नवंबर 2016 देश में चलन में मौजूद 86 प्रतिशत नोटों को अमान्य करार कर दिया था। जबकि इस बार 2,000 रुपये के नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे सिर्फ उन्हें चलन से बाहर किया जाना है। बैंक अधिकारी ने कहा कि जहां तक खातों में जमा राशि का सवाल है, यह सामान्य रूप से हो रहा है और अब तक ज्यादा भीड़ नहीं दिखी है। जमाराशियां मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार स्वीकार की जा रही हैं।
आरबीआई ने बीते शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने की घोषणा की है। लोगों को 30 सितंबर तक ऐसे नोटों को खातों में जमा करने या बैंकों में बदलने का समय दिया गया है। नवंबर 2016 में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को रातोंरात अमान्य कर दिया गया था। हालांकि इस बार 2000 रुपये के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि बैंक खातों में नकदी बदलने और जमा करने के लिए पर्याप्त समय उपलब्ध है, इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।