सत्य खबर, नई दिल्ली ।
These food and drink items can become cheaper, Finance Minister indicated
सर्दियों की गुनगुनी धूप में ज्वार, बाजरा या रागी जैसे मोटे अनाज की गरमागरम रोटी खाने का मन आखिर किसका नहीं करता. अब सर्दियों से पहले सरकार ने इन मोटे अनाज को लेकर बड़ा तोहफा दिया है. इन सभी का आटा अगर गैर-ब्रांडेड या खुले में बिक रहा है, तो उस पर शून्य जीएसटी लगेगा. हालांकि सरकार ने बाजरा या अन्य मिलेट्स के ब्रांडेड आटे पर जीएसटी की दर को 5 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 18 प्रतिशत थी.
जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीटिंग्स में हुए फैैसलों की जानकारी दी. इसमें साफ किया गया कि मोटे अनाज के गैर-ब्रांडेड और खुले आटे पर जीएसटी की दर शून्य होगी. हालांकि खुले आटे में अगर मोटे अनाज को ब्लेंड भी किया जा रहा है, तब भी उसमें कम से कम 70 प्रतिशत मिलेट्स होना चाहिए, तभी ये आटा जीएसटी छूट के दायरे में आएगा. अगर मोटे अनाज का खुला आटा 100 प्रतिशत मिलेट्स से ही बना है, तब भी वह जीएसटी में छूट का अधिकारी होगा.
साल 2023 को दुनियाभर में इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जा रहा है. मोदी सरकार मिलेट्स को लगातार बढ़ावा दे रही है, तभी तो जी20 जैसे बड़े इंटरनेशनल आयोजन में भी मिलेट्स बनी डिशेज मेहमानों को परोसी गईं थी. वहीं हाल के समय में स्वास्थ्य को वरीयता देने वाले लोगों के बीच मिलेट्स का उपयोग भी बढ़ा है. ऐसे में जीएसटी से ये राहत मिलेट्स के कंज्यूमर्स के साथ-साथ इनके किसानों को भी फायदा पहुंचाएगी.
शराब पीना भी होगा सस्ता
जीएसटी परिषद की बैठक में एक फैसला शराब को सस्ता करने से भी जुड़ा है. दरअसल सरकार ने मानव उपभोग में इस्तेमाल होने वाले डिस्टिल्ड अल्कोहल को जीएसटी से छूट प्रदान कर दी है. जबकि इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाला एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ENA) पर पहले की तरह 18 प्रतिशत जीएसटी लगता रहेगा.वहीं शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाले मोलेसस पर भी जीएसटी की दर कम की गई है. पहले इस पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता था, जबकि अब इस पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा.
जल्द मिलेगा गन्ना किसानों का पेमेंट, सस्ता होगा दूध
मोलेसस पर जीएसटी दर कम करने से मिलों की नकदी हालत बेहतर होने की उम्मीद है, जिससे गन्ना किसानों का बकाया तेजी से चुकाया जा सकेगा. वहीं ये पशुचारे की लागत को नीचे लाने में भी मददगार हो सकता है, जिससे अंतत: दूध की कीमतें नीचे आने की उम्मीद है.
रेलवे से माल ढुलाई हो सकती हैं महंगी
जीएसटी परिषद ने एक और फैसला रेलवे से होने वाले सभी माल और सेवा की सप्लाई पर टैक्स लगाने का किया है. इन सभी पर फॉरवर्ड चार्ज मैकेनिज्म के हिसाब से टैक्स लगेगा, जिससे रेलवे आईटीसी का लाभ उठा सकेगा और उसकी लागत में कमी आएगी.
पानी बिल पर जीएसटी नहीं
सरकार ने घरों पर पानी की आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवाओं, सैनिटेशन सेवा, वेस्ट मैनेजमेंट और झोपड़ पट्टी की बेहतरी पर होने वाले खर्च को टैक्स फ्री कर दिया है. इसी के साथ जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल में सुधार का ऐलान किया है. अब इसके प्रेसिडेंट की अधिकतम उम्र 67 की बजाय 70 साल होगी, जबकि सदस्य 65 की बजाय 67 साल की उम्र तक अपनी सेवाएं दे सकेंगे. बाकी न्यूनतम उम्र दोनों के लिए 50 साल होगी.
कॉरपोरेट गारंटी पर 18% जीएसटी
जीएसटी काउंसिल में एक और बड़ा फैसला कॉरपोरेट गारंटी को लेकर हुआ. अगर कोई होल्डिंग कंपनी अपनी किसी अन्य कंपनी के लिए कॉरपोरेट गारंटी देती है, तब पेरेंट कंपनी को पूरे गारंटी अमाउंट पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी देनी होगी.