बाबा बालक नाथ के जरिये भाजपा कर सकती है हरियाणा की राजनीति में धमाल
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BJP can make a splash in Haryana politics through Baba Balak Nath
सत्य खबर, चंडीगढ़ । रोहतक स्थित बाबा मस्तनाथ मठ के महंत बालक नाथ के जरिए भारतीय जनता पार्टी मिशन 2024 को साधने का प्रयास कर सकती है। 2024 में जहां लोकसभा चुनाव होने हैं, वहीं हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी होंगे। ऐसे में भाजपा महंत बालकनाथ को राजस्थान का सीएम बनाकर ना केवल राजस्थान बल्कि हरियाणा में भी अपना वर्चस्व बढ़ा सकती है। खासकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ कहे जाने वाले रोहतक एरिया में भी सेंधमारी की जा सकती है।
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार राजस्थान की कमान महंत बालकनाथ को मिलती है तो इसका असर हरियाणा के लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगा। बाबा मस्तनाथ मठ रोहतक में होने के कारण यहां भी खासा असर पड़ने की संभावना हैं। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो रोहतक से भाजपा व कांग्रेस में कांटे की टक्कर रही थी, हालांकि भाजपा से डॉ. अरविंद शर्मा सांसद बने थे।
रोहतक व झज्जर में नहीं है भाजपा का विधायक
वहीं विधानसभा चुनाव की बात करें तो रोहतक जिले में चार विधानसभा क्षेत्र (रोहतक, कलानौर, महम व सांपला किलोई) हैं, इन चारों में से तीन पर कांग्रेस के विधायक हैं और एक पर निर्दलीय विधायक है। वहीं रोहतक लोकसभा में पड़ने वाले झज्जर जिले में भी चार विधानसभा क्षेत्र (झज्जर, बेरी, बहादुरगढ़ व बादली) हैं। इन चारों विधानसभाओं से कांग्रेस के ही विधायकों ने 2019 का चुनाव जीता था। भाजपा का प्रयास रहेगा कि यहां से उनके विधायक जीतकर आएं। इसके लिए भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष का पदग्रहण समारोह भी रोहतक में ही आयोजित किया गया था।
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पूर्व सीएम के हलके में भी मठ के महंत जीत चुके चुनाव
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हलके सांपला किलोई से बाबा मस्तनाथ मठ के महंत पहले भी विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। बाबा मस्तनाथ मठ राजनीति से जुड़ा रहा है। मठ के महंत श्रयोनाथ ने 3 बार किलोई हलका से विधानसभा चुनाव लड़ा। 1966 में प्रदेश का गठन होने के बाद पहला विधानसभा चुनाव 1967 में हुआ। जिसमें किलोई हलका से बाबा मस्तनाथ मठ के महंत श्रयोनाथ व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता रणबीर सिंह हुड्डा के बीच मुकाबला हुआ। जिसमें महंत निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर विजयी रहे। हालांकि एक साल बाद मध्यावधि चुनाव में रणबीर सिंह हुड्डा ने महंत श्रयोनाथ को हरा दिया था। 1972 में महंत श्रयोनाथ ने पिछली हार का बदला लेते हुए रणबीर सिंह हुड्डा के बेटे कैप्टन प्रताप सिंह को हरा दिया था।