राष्‍ट्रीय

तेलंगाना में मंत्रियों के कार्यभार संभालने से पहले मंत्रालयों में जलाए गए पुराने दस्तावेज

Old documents burnt in ministries before ministers take charge in Telangana

सत्य खबर/ हैदराबाद: तेलंगाना में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के साथ शपथ लेने वाले अन्य मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा कर दिया गया है. लेकिन उनके कार्यभार संभालने से पहले ही कुछ मंत्रालयों से चोरी की घटनाएं सामने आईं. चोरों ने तीन विभागों को निशाना बनाया। उन्होंने वहां रखे दस्तावेज जला दिये और कुछ अपने साथ ले गये. इतना ही नहीं वे कार्यालय में रखा फर्नीचर भी उठा ले गए। मामला सामने आने के बाद से राजनीतिक हलचल मच गई है.

जानकारी के मुताबिक चोरी की ये घटनाएं पिछले चार दिनों में हुई हैं. मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण 7 दिसंबर को हुआ था. इस संबंध में हैदराबाद सिटी पुलिस ने नामपल्ली, सैफाबाद और एबिड्स रोड पुलिस स्टेशनों में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस सबसे पहले यह पता लगा रही है कि दफ्तरों से कौन-कौन से दस्तावेज चोरी हुए और जलाए गए। सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इन घटनाओं के लिए विपक्षी बीआरएस को जिम्मेदार ठहराया है.

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किन-किन विभागों में हुई चोरी?
चोरी की पहली घटना पशुपालन विभाग के कार्यालय में हुई. कार्यालय के चौकीदार मंडला लक्ष्मैया द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, 10 दिसंबर को उसने पूर्व पशुपालन मंत्री के ओएसडी और बीआरएस नेता तलसानी श्रीनिवास यादव और चार अन्य को दस्तावेजों को नष्ट करते और कुछ फाइलें अपने साथ ले जाते देखा था। कार्यालय से फाइलों के अलावा फर्नीचर भी गायब है. पुलिस ने पांचों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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चोरी की दूसरी घटना शिक्षा मंत्रालय में हुई. कांग्रेस से बीआरएस में आईं सबिता इंद्रा रेड्डी के दफ्तर से फाइलों से भरी अलमारी ही गायब है. तीसरी घटना उत्पाद एवं सांस्कृतिक मंत्रालय में घटी. इस विभाग का प्रभार बीआरएस नेता श्रीनिवास गौड़ के पास था. पुलिस के मुताबिक यहां से कुछ दस्तावेज चोरी हो गए और कुछ जला भी दिए गए. अब इन तीन विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे बीआरएस नेताओं की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।

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कांग्रेस ने भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया था
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीआरएस सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार को अपना सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था. कर्नाटक की तरह यहां भी कांग्रेस सीएम केसीआर और उनके मंत्रियों-विधायकों की भ्रष्ट छवि को भुनाने में सफल रही. बीआरएस नेताओं की संपत्ति में भारी वृद्धि ने केसीआर सरकार को जनता के बीच अलोकप्रिय बना दिया था। जिसका असर चुनाव नतीजों में देखने को मिला. 3 दिसंबर को घोषित नतीजों के मुताबिक, कांग्रेस ने 64 सीटें जीतीं, बीआरएस ने 39, बीजेपी ने 8, एआईएमआईएम ने सात और सीपीआई ने एक सीट जीती।

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