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2024 के लिए बीजेपी लागू करेगी तीन राज्यों का फॉर्मूला

BJP will implement three states formula for 2024

सत्य खबर/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने के लिए बीजेपी ने कमर कसनी शुरू कर दी है. मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली शानदार जीत से पार्टी में उत्साह का माहौल है और पार्टी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में इन तीनों राज्यों में अपनाए गए फॉर्मूले को अपनाने की योजना तैयार की है.

इन तीनों राज्यों में कमजोर और हारी हुई सीटों पर पहले उम्मीदवार घोषित करने का फायदा बीजेपी को मिला है और अब इसी तरह लोकसभा चुनाव में भी 160 हारी हुई या कमजोर लोकसभा सीटों पर पहले उम्मीदवार घोषित करने की तैयारी की जा रही है. जानकार सूत्रों का कहना है कि इन सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा जनवरी में की जा सकती है. इन सीटों पर बीजेपी को मजबूत करने के लिए पार्टी पहले ही अभियान शुरू कर चुकी है. माना जा रहा है कि इससे पार्टी को बड़ा राजनीतिक फायदा मिल सकता है.

तीन राज्यों के चुनाव में पार्टी को फायदा

दरअसल, हाल ही में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने एक नया प्रयोग किया था. इन राज्यों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले ही पार्टी ने सभी सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए थे. पार्टी ने पहले कमजोर या हारी हुई सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर जीत हासिल करने की रणनीति बनाई थी.

इससे बीजेपी को भी बड़ा फायदा हुआ है और पार्टी इस चुनाव में इनमें से कई सीटें जीतने में सफल रही है. अब इस प्रयोग को 2024 के लोकसभा चुनाव में भी दोहराने की तैयारी की जा रही है. पार्टी का मानना है कि इस कदम से उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के लिए ज्यादा समय मिलेगा और पार्टी को अपनी रणनीति बनाने में भी मदद मिलेगी.

कमजोर सीटों पर बीजेपी नेता पहले से ही सक्रिय हैं

2019 के लोकसभा चुनाव में जिन सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा या कमजोर स्थिति में देखा गया, उनमें से ज्यादातर सीटें दक्षिणी और पूर्वी राज्यों की हैं। हालाँकि, इन 160 सीटों में उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और झारखंड राज्यों की कुछ सीटें भी शामिल हैं। 2019 में बीजेपी को उत्तर प्रदेश की 14 लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा.

इन सीटों पर पार्टी की स्थिति मजबूत करने के लिए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से पिछले दो साल से काम चल रहा है. बीजेपी नेतृत्व की ओर से कई केंद्रीय मंत्रियों और अन्य बड़े नेताओं को इन लोकसभा क्षेत्रों में भेजा गया था. पार्टी की ओर से 40 मंत्रियों की अलग-अलग टीम बनाकर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. पार्टी ने इन इलाकों में सरकार के कामकाज का प्रचार-प्रसार करने पर भी पूरा जोर दिया था. पार्टी नेतृत्व का मानना है कि पहले इन क्षेत्रों में प्रत्याशी घोषित कर जीत हासिल की जा सकती है।

सांसदों की सक्रियता का भी लेखा-जोखा

बीजेपी पहले ही नमो ऐप पर मोदी सरकार के कामकाज, सरकारी योजनाओं की स्थिति और सांसदों के काम पर फीडबैक मांग चुकी है. यह फीडबैक सांसदों के टिकट फाइनल करने में बड़ी भूमिका निभाएगा. इसके साथ ही अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों से अपने-अपने क्षेत्र के तीन लोकप्रिय चेहरों के नाम भी बताने को कहा गया है.

सांसदों से उनके क्षेत्र में सक्रियता के बारे में भी जानकारी मांगी गई है. इस कारण यह तय माना जा रहा है कि जिन सांसदों ने अपने क्षेत्र में सक्रियता नहीं दिखाई है या जिनके क्षेत्र के लोग उनसे नाराज बताए जा रहे हैं, उनका टिकट कट जाएगा।

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