राष्‍ट्रीय

2024 को लेकर बीजेपी ने कसी कमर, सांसदों-विधायकों को सौंपी जिम्मेदारी

Preparation to bring five thousand people each from all Lok Sabha constituencies

सत्य खबर/नई दिल्ली: 2024 की सियासी जंग जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर बड़ी रणनीति तैयार की है. 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्रतिष्ठा होने जा रही है और इसे बनाने के लिए पार्टी की ओर से व्यापक कार्यक्रम तैयार किया गया है. एक बड़ा शो. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी बीजेपी राम मंदिर के जरिए पूरे देश में अपनी राजनीतिक पैठ बनाने की कोशिश कर रही है.

22 जनवरी के बाद देश के सभी 545 लोकसभा क्षेत्रों से पांच-पांच हजार लोगों को अयोध्या लाने की तैयारी है. विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में रामलला के दर्शन के इच्छुक लोगों की सूची बनाने की जिम्मेदारी सांसदों और विधायकों को सौंपी गई है. पार्टी नेतृत्व का मानना है कि अयोध्या से लौट रहे लोग अपने इलाकों में लोगों को राम मंदिर की भव्यता के बारे में जानकारी देंगे और इससे पार्टी को बड़ा चुनावी फायदा मिलने की उम्मीद है.

सियासी समीकरण साधने की कोशिश

इस समय भगवान रामलला का प्रस्तावित प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित होने वाले इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की भव्य तैयारी की जा रही है. विपक्षी दलों के नेताओं का भी मानना है कि इसके जरिए बीजेपी अपना राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश कर रही है.

बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने राम मंदिर को लेकर बड़ा चुनावी प्लान तैयार किया है. इसके तहत देश के सभी लोकसभा क्षेत्रों से पांच-पांच हजार लोगों को अयोध्या ले जाने की तैयारी की जा रही है. इन लोगों को अलग-अलग तारीखों पर अयोध्या लाया जाएगा. हालांकि, पार्टी ने तीन महीने के अंदर करीब एक करोड़ लोगों को अयोध्या आने का लक्ष्य रखा है.

सांसदों और विधायकों को सौंपी गई जिम्मेदारी

बीजेपी नेतृत्व ने इस काम में पार्टी के सांसदों और विधायकों की मदद लेने का फैसला किया है. विभिन्न क्षेत्रों की सूची बनाने की जिम्मेदारी सांसदों और विधायकों को सौंपी गयी है. 23 जनवरी के बाद अलग-अलग इलाकों से लोगों को अयोध्या ले जाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. दूर-दराज के शहरों से श्रद्धालुओं को अयोध्या लाने के लिए ट्रेनों की मदद ली जाएगी. श्रद्धालुओं के ठहरने और भोजन आदि की व्यवस्था भी अयोध्या में की जाएगी।

22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से 100 विशेष ट्रेनें चलाने की भी तैयारी है. 22 जनवरी के बाद ये ट्रेनें लगभग 100 दिनों तक चलेंगी. माना जा रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए अयोध्या पहुंचेंगे.

पूरे देश में अयोध्या का संदेश पहुंचेगा

बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि अयोध्या से लौटने वाले श्रद्धालु अपने क्षेत्रों में लोगों को राम मंदिर की भव्यता के बारे में जानकारी देंगे. पार्टी लोगों को यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि जो काम पिछले 500 साल में नहीं हो सका, उसे बीजेपी ने पूरा किया है. अयोध्या में बड़े पैमाने पर विकास संबंधी कई परियोजनाएं चल रही हैं और अयोध्या से लौट रहे लोग राम मंदिर की भव्यता और अयोध्या के विकास के बारे में भी लोगों को जानकारी देंगे. इससे बीजेपी नेतृत्व को बड़ा चुनावी फायदा मिलने की संभावना है.

लोगों की सूची बनाने का काम शुरू हो चुका है और इस काम को पूरा करने की आखिरी तारीख 15 जनवरी तय की गई है. इसको लेकर अलग-अलग इलाकों में बीजेपी से जुड़े लोगों ने अलग-अलग इलाकों में लोगों से संपर्क करना शुरू कर दिया है. इस संबंध में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के साथ ही अयोध्या प्रशासन को भी सूचित कर दिया गया है.

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