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अमित शाह के बयान ने फिर बढ़ाया बिहार का सियासी पारा, बुलाई बैठक

सत्य खबर/ पटना:

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से सियासी हलचल होने लगी है. पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से नीतीश कुमार की एनडीएम में वापसी पर दिए गए एक बयान ने बिहार में सियासी पारा बढ़ा दिया है. इसके बाद से कई दलों की परेशानी बढ़ गई है और अब बिहार में पार्टियों के बीच बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है.

अमित शाह के बयान के बाद हाल ही में बिहार में दो बड़ी बैठक हुई. पहली बैठक नीतीश कुमार के आवास पर थी, तो दूसरी बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा के घर पर हुई. बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से बात की और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा.

बीजेपी पर लगाया अफवाह फैलाने का आरोप

तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “जब से लालू (यादव) और नीतीश (कुमार) ने हाथ मिलाया है, तब से भाजपा परेशान है. उसी हताशा के तहत वे इस तरह के बयान दे रहे हैं.”

अमित शाह की टिप्पणी पर साधी चुप्पी

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अमित शाह की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार (19 जनवरी) को मीडिया से कहा, “मुझे नहीं पता… हो सकता है कि आप लोगों को बेहतर जानकारी हो कि अमित शाह क्या कहना चाहते थे.”

तेजस्वी का दावा- इंडिया गठबंधन में सब ठीक

तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के राजनीतिक क्षेत्र से बीजेपी का नामोनिशान मिट जाएगा. नीतीश कुमार को लेकर उन्होंने कहा, हम राज्य सरकार एक साथ चला रहे हैं. राज्य का तेजी से विकास सुनिश्चित करने के लिए हमें नियमित रूप से मिलने की जरूरत है.” बिहार के उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के गठबंधन से नाखुश होने की अटकलें ठीक नहीं हैं. इंडिया गठबंधन के अंदर सब ठीक है.

बीजेपी लगातार नीतीश कुमार के लिए दिखा रही नरमी

दरअसल, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और उनकी पार्टी ने 2022 में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से नाता तोड़ लिया था और राजद के साथ महागठबंधन सरकार बनाई थी. इसके बाद से जेडीयू और बीजेपी के बीच तकरार चली आ रही है, लेकिन पिछले दिनों इसमें नरमी देखी गई.

क्या कहा था अमित शाह ने नीतीश कुमार को लेकर

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हाल ही में एक अखबार ने पूछा था कि, क्या बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार जैसे पूर्व सहयोगियों का एनडीए में वापस स्वागत किया जाएगा. इस पर उन्होंने कहा था कि अगर किसी के पास इस बारे में कोई प्रस्ताव है, तो इस पर विचार किया जाएगा. राजनीतिक एक्सपर्ट की मानें तो अमित शाह की इस टिप्पणी से साफ है कि नीतीश कुमार के लिए अब भी दरवाजे बंद नहीं हुए हैं.

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