हरियाणा

SC के आदेश पर फ़रीदाबाद अरावली में तोड़फोड़ अभियान चला।

सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :

वन विभाग की टीम ने सोमवार को गुरुग्राम से लगती फरीदाबाद की सीमा में सुप्रीम कोर्ट के डंडे के डर से अंकिर और मेवल महाराजपुर इलाकों में एक दर्जन जगहों पर तोड़फोड़ की। जिनमें से अधिकांश फार्महाउस और मैरिज हॉल थे, क्योंकि इसने अवैध निर्माण अरावली भूमि पर किया गया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वन
विभाग ने फरीदाबाद के अनखीर और मेवल महाराजपुर गांवों में ऐसी 600 अवैध संरचनाओं की पहचान की है। इन गांवों की भूमि पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम (पीएलपीए) की धारा 4 (विशेष आदेश) के अंतर्गत आती है, जो वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत एक क्षेत्र को वन भूमि मानता है।
अधिकारियों ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में अवैध रूप से निर्माण कर रहे ढांचे के मालिकों को 71 नोटिस जारी किए गए थे, साथ ही उन्हें खुद ही गिराने के लिए 15 दिन का समय भी दिया गया था।
“हमने अब फार्महाउस और बैंक्वेट हॉल को हटाने के लिए विध्वंस अभियान शुरू कर दिया है। वन विभाग के एक अधिकारी का कहना था कि हम तब तक अभियान चलाएंगे जब तक कि अरावली भूमि पर गलत तरीके से बनाई गई सभी फार्म हाउसों को ढहा नहीं देंगे।
बता दें कि दिसंबर 2022 में, राज्य सरकार ने अरावली पर अवैध निर्माण की पहचान करने के लिए ग्राउंड ट्रुथिंग – हवाई फोटोग्राफी या उपग्रह रडार और जमीनी दौरों के माध्यम से एकत्र किए गए डेटा को सत्यापित करने की एक कवायद की।
फ़रीदाबाद के चार गांवों में कुल 6,793 अवैध संरचनाएं पाई गईं, जिनमें से 5,948 अनंगपुर में, 399 अनखीर में, 313 लक्कड़पुर में और 193 मेवला महाराजपुर में थीं।
वन विभाग द्वारा कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के जुलाई 2022 के फैसले के आधार पर की जा रही है कि पीएलपीए की धारा 4 (विशेष आदेश) के तहत अधिसूचित भूमि को वन भूमि माना जाना चाहिए और एफसीए के तहत संरक्षित किया जाएगा।
नरिंदर सिंह बनाम दिवेश भूटानी मामले में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के 2013 के आदेश के खिलाफ संपत्ति मालिकों द्वारा दायर अपील पर दिया था, जिसने अनंगपुर मेंपीएलपीए-अधिसूचित भूमि पर किसी भी गैर-वन गतिविधियों पर रोक लगा दी थी।
मामले में एक और अपील जो शामिल की गई थी, वह अनंगपुर, अनखीर और मेवला महाराजपुर में वन भूमि पर अवैध फार्महाउस और बैंक्वेट हॉल को हटाने के नोटिस के खिलाफ एक याचिका थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन और वन्यजीव) विनीत गर्ग ने 14 सितंबर 2022 को फरीदाबाद के प्रभागीय वन अधिकारी को “सैटेलाइट इमेज, ड्रोन-मैपिंग के साथ-साथ ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर संरचनाओं की सूची तैयार करने के निर्देश जारी किए हैं।
वहीं अरावली क्षेत्र के गांव ग्वाल पहाड़ी में भी काफी लोगों ने वन विभाग की जमीन पर अवैध निर्माण कर जमकर अवैध वसूली कर रहे हैं। जिनकी शिकायत भी ग्रामीण प्रेम सिंह तंवर, प्रेमचंद शर्मा,राहुल तंवर वगैरह ने जिला प्रशासन से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक भी भेजी हुई है फिर भी जिले में बैठे भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारी कोई कार्रवाई भूमाफियाओं पर नहीं कर रहे हैं।

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