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हरियाणा ACB ने वर्ष 2023 में 152 रेड, 186 भ्रष्टाचारी पकड़े 86 लाख जब्त, 34 पर केस की सिफारिश।

सत्य ख़बर,चंडीगढ़, सतीश भारद्वाज :

हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए वर्ष 2023 में 152 जगहों पर रेड कर 205 मामले दर्ज किए हैं। जो पिछले 10 वर्षों में दूसरी सबसे अधिक संख्या है। ब्यूरो ने वर्ष-2023 में 152 जगहों पर रिश्वत मांगने के मामले में छापेमारी की वहीं मौके पर ही 86,12,300 रुपए बरामद किए। वहीं इस दौरान

30 राजपत्रित अधिकारी, 156 गैर-राजपत्रित अधिकारी और 40 निजी व्यक्तियों सहित 186 सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया। यह जानकारी आज हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने ब्यूरो के कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान दी।

डीजीपी ने बताया कि ब्यूरो द्वारा कई भ्रष्ट लोक सेवकों की संपत्ति को अटैच करने के लिए सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा है। सरकार की सहमति के बाद ऐसे भ्रष्टाचार के मामलों में न्यायालय में अपराध की आय से अर्जित संपत्ति को लेकर याचिका दायर की गई, जोकि एडवांस स्टेज पर है।

उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत ब्यूरो ने 12 राजपत्रित अधिकारियों, 10 अराजपत्रित अधिकारियों तथा 7 निजी व्यक्तियों के खिलाफ 31 जांचें दर्ज की हैं। इसी प्रकार, वर्ष 2023 में 82 जांचें पूरी गईं। ब्यूरो द्वारा 34 राजपत्रित अधिकारियों, 10 अराजपत्रित अधिकारियों और 47 निजी व्यक्तियों के खिलाफ 14 जांचों में आपराधिक मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई।

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डीजीपी कपूर ने बताया कि किसी भी रेड को सफल बनाने में शिकायतकर्ता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। डीजीपी ने उन्हें सम्मानित भी किया।

डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने बताया कि किसी भी रेड को सफल बनाने में शिकायतकर्ता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। डीजीपी ने उन्हें सम्मानित भी किया। उन्होंने बताया कि

22 जांचों में 12 राजपत्रित अधिकारियों, 27 अराजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई तथा 9 अन्य जांचों में 19 राजपत्रित अधिकारियों, 32 अराजपत्रित अधिकारियों तथा 66 निजी व्यक्तियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई तथा आपराधिक मामला दर्ज करने के लिए लिखा गया है।

इसी प्रकार, 45 जांचों में 65 राजपत्रित अधिकारियों, 69 अरापत्रित अधिकारियों तथा 113 निजी लोगों पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। शेष 37 जांचों में आरोप सिद्ध न होने के चलते इन्हें बंद कर दिया गया। इसके साथ ही, ब्यूरो द्वारा 10 तकनीकी रिपोर्टों को सरकार के पास भेजा गया है, जिसमें 9 राजपत्रित अधिकारियों, 5 अराजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा गया है।

भ्रष्टाचार के मामले में 49 पुलिसकर्मी, राजस्व विभाग के 21 अधिकारी/कर्मचारी, बिजली विभाग के 10, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के 7, शहरी स्थानीय निकायों के 6, स्वास्थ्य सेवाओं के 5, सहकारिता के 4, शिक्षा विभाग के 4, आबकारी एवं कराधान विभाग के 4, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के 4, लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी के 4, विकास एवं पंचायत विभाग के 2 अधिकारी शामिल हैं।

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वहीं, वन विभाग के 2, गृह रक्षकों के 2, सिंचाई विभाग के 2, न्याय प्रशासन विभाग के 2, भूमि अभिलेख एवं समेकन के 2, कारागारों के 2 और लेखा एवं कोषागार, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, हरियाणा कृषि कौशल रोजगार निगम, हरियाणा राज्य भंडारण निगम, गृह, HSIIDC, HSVP, श्रम एवं रोजगार, खनन एवं भूविज्ञान, पंचायतीराज, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण, कौशल विकास और औद्योगिक प्रशिक्षण एवं परिवहन आदि के 14 कर्मचारियों को अलग-अलग मामलों में 1,000 रुपए से 10 लाख तक की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा गया था। उन्होंने बताया कि रिश्वत के मामले में रेड को सफल बनाने में शिकायतकर्ता की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने शिकायकर्ताओं को रेड की सबसे मजबूत कड़ी बताते हुए उनसे फीडबैक भी लिया। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर भी एंटी करप्शन ब्यूरो के कार्यालय स्थापित किए गए हैं जो ऑपरेशनल हैं।

उन्होंने शिकायतकर्ताओं को अपने कर कमलों से सम्मान पत्र भेंट करते हुए उनका मनोबल बढ़ाया। उन्होंने बताया कि ब्यूरो द्वारा रेड के बाद भी संबंधित कार्यालयों में उनके लंबित मुद्दों के संबंध में शिकायतकर्ताओं को सुविधा प्रदान की जाती है।

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