हरियाणा

गुरुग्राम एवं मानेसर निगम क्षेत्र के गाँवों में हाउस टैक्स के विरोध में दो फ़रवरी को होगा ज़बरदस्त प्रर्दशन

There will be a massive demonstration on February 2 against the house tax in the villages of Gurugram and Manesar Corporation areas.

सत्य ख़बर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज : सामाजिक न्याय संगठन गुरुग्राम के कार्यकारिणी सदस्यों संयुक्त किसान मोर्चा गुरुग्राम के अध्यक्ष एवं जिला बार एसोसिएशन गुरुग्राम के पूर्व प्रधान चौधरी संतोख सिंह, नत्थू सिंह सरपंच, सूबे सिंह बोहरा सरपंच, बीर सिंह सरपंच, नरेश सहरावत सरपंच तथा अशोक हंस सरपंच ने प्रेस कॉन्फ़्रेन्स को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय संगठन गुरुग्राम निगम क्षेत्र के गाँवों में हाउस टैक्स के विरोध में दो फ़रवरी को ज़बरदस्त प्रर्दशन करेगा तथा निगम क्षेत्र के गाँवों में हाउस टैक्स को ख़त्म करवाने के लिए उपायुक्त गुरुग्राम के माध्यम से राज्यपाल हरियाणा को ज्ञापन भेजेगा।धरना-प्रदर्शन में गुरुग्राम एवं मानेसर निगम क्षेत्र के सभी गाँव के गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे।

गुरुग्राम एवं मानेसर निगम क्षेत्र के गाँवों तथा उनकी विस्तारित आबादी में हाउस/प्रॉपर्टी टैक्स को ख़त्म करने की माँग को लेकर गुरुग्राम के सभी जागरूक नागरिक एवं सामाजिक संगठन 02 फ़रवरी को दिन में 11.00 बजे से पंचायत भवन परिसर गुरुग्राम में इकट्ठे होंगे और उसके बाद प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल के नाम ज्ञापन देने के लिए उपायुक्त कार्यालय में जाएंगे।

गुरुग्राम नगर निगम का गठन 2008 में किया गया था तथा मानेसर नगर निगम का गठन 2020 में किया गया है। गाँवों को निगम क्षेत्र में शामिल करने से पहले कोई भी शहरी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं करवाई गई थी तथा जो भी विकास कार्य गाँवों में हुए थे, वो सभी ग्राम पंचायतों ने ही करवाए थे।नगर निगम के गठन से पहले गाँवों तथा उनकी विस्तारित आबादी में कोई भी हाउस/प्रॉपर्टी टैक्स, डेवलपमेंट चार्ज तथा मकान बनाने के लिए नक़्शा पास करवाने का प्रावधान नहीं था।

जिले के दोनों निगम क्षेत्र के सभी गाँवों की ज़्यादातर ज़मीन सरकार द्वारा पहले ही अधिग्रहण की जा चुकी है।ज़मीन अधिग्रहण से पहले गाँवों की ज़्यादातर आबादी कृषक एवं ग़ैर कृषक दोनों ही खेती-बाड़ी पर निर्भर थे।ज़मीन अधिग्रहण के कारण खेती-बाड़ी ख़त्म हो गई है।सभी के आय के साधन और रोज़गार ख़त्म हो गये।

बता दें कि गुरुग्राम नगर निगम क्षेत्र तथा मानेसर निगम क्षेत्र में आने वाले सभी गाँवों की अरबों-खरबों रूपये की सभी संपत्तियां,ज़मीन-जायदाद तथा ग्राम पंचायतों का अरबों-खरबों रुपया पहले ही नगर निगम ले चुका है।

वहीं देश की राजधानी दिल्ली में भी एमसीडी ने गाँवों तथा उसकी विस्तारित आबादी में हाउस/प्रॉपर्टी टैक्स ख़त्म कर दिया है।जिला गुरुग्राम एनसीआर क्षेत्र में पड़ता है और देश की राजधानी दिल्ली से बिलकुल सटा हुआ है।जब देश की राजधानी दिल्ली में ही एमसीडी ने गाँवों और उसकी विस्तारित आबादी में हाउस/प्रॉपर्टी टैक्स ख़त्म कर दिया है तो फिर गुरुग्राम ज़िला में नगर निगम गुरुग्राम तथा मानेसर नगर निगम में गाँवों और उसकी विस्तारित आबादी में हाउस टैक्स क्यों?

गुरुग्राम एवं मानेसर निगम क्षेत्र के गाँवों में जब भी कोई व्यक्ति भवन निर्माण,पुनर्निर्माण,मरम्मत इत्यादि करता है,तो निगम के अधिकारी अकारण ही ग्राम वासियों को नोटिस भेजते हैं तथा रिहायशी मकानों पर सील लगा देते हैं तथा बाद में मकानों की तोड़फोड़ करके प्रताड़ित करते हैं, जिसके कारण ग्रामवासियों को लाखों का नुक़सान होता है।

गुरुग्राम एवं मानेसर निगम क्षेत्र के ज़्यादातर गाँवों में कूड़े के खुल्ले ख़त्ते बना दिए हैं।गंदगी और बदबू के कारण गाँव वालों का जीना दूभर हो गया है। सफ़ाई व्यवस्था बिलकुल चौपट है।गंदगी और बदबू से बीमारियां फैल रही है और कोई सुनने वाला नहीं है। निगम क्षेत्र के गाँवों में आज तक भी नागरिक सुविधाएँ उपलब्ध नहीं करवाई गई है।

गौरतलब है कि गुरुग्राम नगर निगम क्षेत्र में आने वाले गांव में इंफोर्समेंट विंग में बैठे कुछ भ्रष्ट अधिकारी क्षेत्र के पार्षदों से साज बाज होकर वोटो की राजनीति के कारण अपने चाहते हो कि मकान पर तो कोई भी कार्रवाई नहीं होने देते लेकिन उनके विरोधियों के साथ तोड़फोड़ और नक्शे के बारे में दर-दर की ठोकरे खिलवा रहे हैं।

गुड़गांव नगर निगम में इस प्रकार के कई भ्रष्ट पार्षद चर्चाओं में है जिन्होंने अपने गुंडे पाल रखे हैं, जिनका काम ही निगम अधिकारी से सांठगांठ कर क्षेत्र में हो रहे नवनिमाणो पर अवैध वसूली करने का है। जिनकी शिकायतें भी निगम अधिकारी से लेकर प्रदेश के आल्हा अधिकारी तक भी पहुंची हुई है लेकिन फिर भी भ्रष्टाचार के कारण सारे मामले फाइलों में दबे पड़े हैं।

वहीं इन मुद्दों को लेकर अधिकतर निगम क्षेत्र में यह भी चर्चाएं चल रही है कि जब निगम ने गांव में जमा पैसा अपने खाते में ले लिया जो पंचायत विकास पर खर्च होना था तो डेवलपमेंट चार्ज के नाम पर ग्रामीणों को क्यों परेशान किया जा रहा है। गुड़गांव निगम क्षेत्र के अधिकतर गांवों में बिगर नकशे के हजारों मकान बने हुए हैं, लेकिन नक्शे पास के नाम पर एक दो को छोड़कर किसी भी गांव में कोई नक्शा पास नहीं हुए जबकि हजारों की तादाद में निगम अधिकारियों ने नोटिस भेजे हुए हैं।

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