ताजा समाचार

उत्तर प्रदेश के जिला बदायूं में युवा जज JMIC ने की जीवन लीला समाप्त

Young judge JMIC ended his life in Badaun district of Uttar Pradesh.

सत्य ख़बर, नई दिल्ली, सतीश भारद्वाज : देश में आजकल ऐसा माहौल चल रहा है कि लोगों को न्याय दिलाने वाले न्यायाधीश भी सरकारी ताने-बाने के सामने बोने साबित हो रहे हैं। वहीं न्यायपालिका पर भी राजनीतिक दबाव के तथा सीनियर जजों व अधिवक्ताओं की प्रताड़ना का शिकार इस तरह होना पड़ रहा है कि अपनी जिंदगी को सुचारू चलाने के डर से आत्महत्या जैसे कठोर कदम करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से इच्छा मृत्यु की भी गुहार लगा रहे हैं।

David Warner ने IPL में अनसोल्ड रहने के बाद पाकिस्तान सुपर लीग और MLC में मचाया धमाल
David Warner ने IPL में अनसोल्ड रहने के बाद पाकिस्तान सुपर लीग और MLC में मचाया धमाल

ऐसे कई महिला उत्पीड़न के मामले न्यायपालिका से जुड़े अधिवक्ताओं व जजों के सामने आ चुके हैं। जिन पर सीनियर जज व अधिवक्ताओं ने खूब अत्याचार किया और पुलिस में शिकायत दर्ज करने की बजाय उल्टा उन्हें पर ही कार्रवाई की जा रही है। ऐसे ही एक मामला पहले उत्तर प्रदेश के ही एक जिले का सामने आया था जिसमें सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से भी पीड़ित महिला जज ने पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की थी। वहीं प्रताड़ना काशी प्रकार का राजस्थान के जिला नागौर का भी सामने आ चुका है। वहीं पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट की एक महिला वकील व दिल्ली की भी एक महिला वकील का सामने आ चुका है जिसको कोर्ट में भी नहीं घुसने दिया जा रहा था।

ऐसे ही एक दुखद जज द्वारा की गई आत्महत्या का मामला आज सोशल मीडिया पर चल रहा है। यूपी के बदायूं जिले में तैनात एक युवा सिविल जज ने बीती रात्रि को अपने निवास पर फांसी का फंदा लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। जिस पर भी देशवासी तरह-तरह के अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं। जज द्वारा की गई आत्महत्या पर न्यायपालिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। कहीं इस आत्महत्या के पिछे भी कोई प्रताड़ना या साजिश तो नहीं है। इसकी भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

Women's World Cup 2025 में तीन टीमों का सफर समाप्त! जाने पूरी जानकारी
Women’s World Cup 2025 में तीन टीमों का सफर समाप्त! जाने पूरी जानकारी

जब इस मामले पर इंस्पेक्टर विजेन्द्र सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्हें एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें उन्हें किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया है। उन्होंने बताया कि मृतक न्यायाधीश ज्योत्स्ना अकेली रहती थी। अभी तक उनकी शादी नहीं हुई थी। हो सकता है कि वह मानसिक तनाव से गुजर रही हो तभी यह कदम उठाया हो । पुलिस ने शव कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी।

Back to top button