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एमपी में बीजेपी करेगी बड़ा बदलाव, टिकट बंटवारे में कई सांसदों का कट सकता है पत्ता

सत्य खबर/ नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले विभिन्न पार्टियों में टिकट पाने के लिए जोड़-तोड़ शुरू हो गई है. बीजेपी भी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले ज्यादा से ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवार तय करने की तैयारी में जुटी है ताकि उम्मीदवारों को चुनाव की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके.
जानकार सूत्रों का कहना है कि बीजेपी इस बार टिकट बंटवारे में काफी बदलाव करेगी. मध्य प्रदेश में बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है. जानकारों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में एक दर्जन से ज्यादा बीजेपी सांसदों की कुर्सी जा सकती है.

इन नेताओं का टिकट कटना तय है

मध्य प्रदेश में 29 लोकसभा सीटें हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद बीजेपी मध्य प्रदेश के चुनाव नतीजों को लेकर काफी आशान्वित है, लेकिन इस बार टिकटों में बड़े फेरबदल की संभावना है. मध्य प्रदेश में बीजेपी के पांच सांसद विधानसभा के सदस्य बन गए हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में जीतने वाले सांसदों में नरेंद्र सिंह तोमर, राकेश सिंह, उदय प्रताप सिंह, प्रह्लाद पटेल और रीति पाठक के नाम शामिल हैं.
इन सांसदों के अलावा बीजेपी के दो सांसदों को पिछले विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. इन सांसदों में फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह शामिल हैं. जानकारों का कहना है कि अब इन दोनों सांसदों को टिकट मिलना मुश्किल माना जा रहा है.

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प्रभारी की रिपोर्ट पर टिकट फाइनल होंगे

बीजेपी ने उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए प्रभारियों की नियुक्ति की थी और इन प्रभारियों की विस्तृत रिपोर्ट पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सौंप दी गई है. इस रिपोर्ट पर गहनता से विचार करने के बाद ही उम्मीदवारों के नाम फाइनल किये जायेंगे. बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी फरवरी के आखिरी हफ्ते तक उम्मीदवारों के नाम फाइनल करना शुरू कर देगी क्योंकि मार्च के पहले हफ्ते में लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने की संभावना है.

कमजोर फीडबैक वालों को झटका लगेगा

यह भी तय माना जा रहा है कि 70 साल से अधिक उम्र और कमजोर फीडबैक वाले नेताओं के टिकट कटेंगे। ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेता असमंजस की स्थिति में नजर आ रहे हैं. बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि ऐसे नेताओं के टिकट रद्द करने से नए नेताओं को आगे लाने में मदद मिलेगी और बदलाव के कारण मतदाताओं का समर्थन मिलने की संभावना भी बढ़ जाएगी.
टिकट कटने के बाद भी बुजुर्ग नेताओं की अपने बेटे-बेटियों को टिकट दिलाने की कोशिशें कामयाब नहीं हो पाएंगी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिवार के मुद्दे पर खुलकर हमलावर रहे हैं. सोमवार को भी उन्होंने लोकसभा में परिवारवाद पर तीखा हमला बोला.

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कांग्रेस पुराने चेहरों पर ही भरोसा करेगी

वहीं कांग्रेस को लेकर माना जा रहा है कि पार्टी अपने पुराने चेहरों पर ही भरोसा करेगी. पार्टी के पास फंड की कमी इसकी बड़ी वजह मानी जा रही है. कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि बीजेपी प्रत्याशियों को धन की कोई कमी नहीं होगी, जबकि कांग्रेस प्रत्याशियों को धन की कमी के संकट से जूझना पड़ेगा. ऐसे में नए नेताओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. इस कारण माना जा रहा है कि पार्टी पुराने नेताओं को ही चुनाव मैदान में उतारेगी.
कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी के जो बड़े चेहरे चुनाव नहीं लड़ रहे हैं उन्हें कम से कम एक लोकसभा क्षेत्र की कमान संभालनी चाहिए ताकि उस क्षेत्र में आने वाले नए चेहरे को ताकत मिल सके और धन की कमी की समस्या दूर हो सके.

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