ब्रह्मज्ञान के द्वारा ही सहज अवस्था प्राप्त की जा सकती है तथा स्थिर से जुडक़र जीवन सुकून व आन्नद वाला होता है : सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज
सत्य खबर, नारायणगढ़ (सरिता धीमान)। ब्रह्मज्ञान के द्वारा ही जीवन में सहज अवस्था प्राप्त की जा सकती है तथा स्थिर निरंकार परमात्मा से जुडक़र जीवन सुकून व आन्नद वाला होता है। ये शब्द निरंकारी सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने नई अनाज मंडी नारायणगढ़ में आयोजित निंरकारी संत समागम में श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहे। सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज व निरंकारी राजपिता रमित जी का आशीर्वाद प्राप्त करने हरियाणा, हिमाचल, चंडीगढ़ व पंजाब के श्रद्वालु पहुंचे। सतगुरू माता जी ने कहा कि जिस प्रकार सूर्य अपनी रोशनी देते हुए किसी व्यक्ति विशेष को देखकर अपनी रोशनी नहीं देखता तथा प्राकृति भी किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करती इसी प्रकार हम इंसानों को भी जात-पात, ईष्या व द्वेष से उपर उठकर सबसे प्रेम भाव से रहना चाहिये। मुनष्य को भी मनुष्यता को नहीं छोडऩा चाहिए, पूर्णयता मानवीय गुणों को अपनाना ही जीवन का उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिस्थिति में एक सा रहना केवल तभी संभव है जब हम स्थिर प्रभु परमात्मा के साथ नाता जोड़ लेते हंै। किसी को नुकसान देने का भाव न रखकर दूसरों को सहयोग देने की भावना वाला जीवन बन जाता है। निरंकार का आधार लेकर सद्पयोगी जीवन बन जाता है।
निरंकारी राजपिता रमित जी ने अपने वचनों में बाबा हरदेव सिंह जी के कथन धर्म जोड़ता है तोड़ता नहीं पर कहा कि धर्म ने सदैव जोडऩे का काम किया है। केवल स्वयं की मान्यताएं, अंधकार व भ्रांतियां ही धर्म को तोडऩे का कारण बनती हैं। उन्होंने कहा कि ब्रहाज्ञान के बाद जब एकत्व का एहसास होता है तो फिर नफरत, वैर विरोध की दीवारें पैदा ही नहीं होती। उन्होंने कहा कि विशालता का गुण भक्ति के द्वारा ही प्रखर होता है फिर छोटी-छोटी बातों से मन विचलित नहीं होता। नारायणगढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि जिस मानव के जीवन में ब्रहाज्ञान व प्रेम आ जाता है तो वो स्वयं ही नारायण के घर का बनता चला जाता है। समागम में शाहबाद जोन के जोनल इंचार्ज सुरेन्द्र पाल व स्थानीय मुखी उर्मिला वर्मा ने निंरकारी सतगुरू माता सुदीक्षा जी महाराज व निरंकारी राजपिता रमित जी एवं संगत तथा गणमान्य व्यक्तियों का समागम में पहुंचने पर अभिवादन किया। उन्होंने प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नगरपालिका, मंडी एसोसिएशन व सभी विभागों द्वारा दिए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।