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पीठासीन अधिकारी को फटकार, ‘आप पर केस चलाया जाना चाहिए’

सत्य खबर/नई दिल्ली:

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चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने आज मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पर भी सख्त टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए क्योंकि वह चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहे थे।
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिछली सुनवाई में जिस तरह से चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सख्त रुख अपनाया था और जो टिप्पणियां की थीं, उसे देखते हुए लगता है कि दोबारा चुनाव कराने का आदेश जारी हो सकता है.
30 जनवरी को चुनाव हुए थे
30 जनवरी को हुए मेयर चुनाव में प्रशासन की ओर से नियुक्त पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने आठ पार्षदों के वोट अवैध घोषित कर दिए थे, जिसके बाद बीजेपी के मनोज सोनकर को मेयर बनाया गया था. लेकिन आम आदमी पार्टी के पार्षद और मेयर प्रत्याशी कुलदीप कुमार ने इसे चुनौती देते हुए पहले हाई कोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
एक वीडियो भी वायरल हुआ था
चुनाव के पीठासीन अधिकारी का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह कथित तौर पर उन पार्षदों के वोटों पर निशान लगाते दिख रहे थे, जिन्होंने उन्हें अवैध घोषित कर दिया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को फटकार लगाई थी और मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी तय की थी.
दोबारा चुनाव हुए तो भी जीतेगी बीजेपी!
चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले रविवार रात बीजेपी मेयर मनोज सोनकर ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए. इस तरह बीजेपी के पास अब 18 वोट हो गए हैं. पिछली बार अकाली पार्षद हरदीप सिंह ने भी बीजेपी को वोट दिया था. ऐसे में बीजेपी के लिए बहुमत का जादुई आंकड़ा 19 है. अब अगर सुप्रीम कोर्ट दोबारा चुनाव का आदेश जारी करता है तो बीजेपी की जीत तय है.

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