नफे सिंह राठी हत्याकांड में अभय चौटाला का सरकार पर बड़ा आरोप
Abhay Chautala allegation against the government in Nafe Singh Rathi murder case
सत्य खबर ,बहादुरगढ़ । बहादुरगढ़ में इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की रविवार को ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी। गोलियां लगने से उनके एक साथी की भी मौत हुई है। दो सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं। वारदात के बाद इनेलो नेता अभय चौटाला मौके पर पहुंचे और परिजनों से मुलाकात की। यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान अभय चौटाला ने कई बड़े खुलासे किए।उन्होंने खासतौर से इस वारदात के पीछे लॉरेंस गैंग के न होने की बात कही है। उन्होंने सरकार को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। कहा कि नफे सिंह राठी सरकार से 6 महीने से सुरक्षा मांग रहे थे।
अभय चौटाला ने कहा, नफे सिंह ने मुझे 6 महीने पहले गुरुग्राम स्थित मेरे आवास पर बताया था कि पुलिस ने उन्हें सूचित किया है कि उनकी जान खतरे में है। उन पर कभी भी हमला हो सकता है। मैंने तभी एसपी झज्जर से फोन पर बात की। उन्हें बताया कि आप ही के पुलिसकर्मियों ने इस तरह हमला होने का इनपुट दिया है। इसकी जांच करवाई जाए कि कौन लोग हैं जो वारदात कर सकते हैं। साथ ही राठी को सुरक्षा भी दी जाए। नफे सिंह राठी ने एसपी, गृहमंत्री, सीएम, डीजी, CID चीफ, हरियाणा होम सेक्रेटरी को पत्र लिखा। जिसमें कहा कि वे इसकी जांच करें और उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएं।
इतना ही नहीं, मैंने स्वयं भी अनेक बार ये बात इन लोगों के साथ शेयर की। नफे सिंह राठी कोई मामूली व्यक्ति नहीं थे। दो दफा के विधायक थे। हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे। एक्स एमएलए एसोसिएशन के भी अध्यक्ष थे। यहां तक की सभी पूर्व विधायकों ने भी मिलकर मुख्यमंत्री को ये बात कही थी। बावजूद इसके उन्हें किसी प्रकार की कोई सुरक्षा मुहैया नहीं करवाई गई।
अभय ने कहा कि उन लोगों को सुरक्षा प्रदान करते रहे जो लोग इस धमकी में शामिल थे। आज हरियाणा प्रदेश में ऐसे लोगों के पास सुरक्षा है, जिनके ऊपर संगीन अपराध के मामले दर्ज हैं। जो नशे के कारोबार में शामिल हैं। जिसको सुरक्षा की जरूरत है, उसको सुरक्षा देने की बजाय मुख्यमंत्री यह बात सरेआम कहते हैं कि वे हरियाणा प्रदेश के आम व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकते।
प्रदेश के मुख्यमंत्री अगर इस तरह के बयान देंगे, तो समझ लो की जंगलराज है। फिर तो कोई व्यक्ति सुरक्षित नहीं है। फिर तो मान कर चलो इस किस्म के लोग कभी भी किसी भी व्यक्ति के घर में जाकर वारदात कर सकते हैं। मैं इसके लिए पूर्ण रूप से सरकार को दोषी मानता हूं, मुख्यमंत्री को दोषी मानता हूं। क्योंकि कोई व्यक्ति अगर लिखित में सुरक्षा की मांग करता है, तो उसकी जांच करवाई जानी चाहिए और उसे लिखित में देना चाहिए कि उसे सुरक्षा की जरूरत किन कारणों से नहीं है। अगर उसे सुरक्षा की जरूरत है तो उसे सुरक्षा मुहैया करवानी जानी चाहिए।
अभय चौटाला ने कहा कि मेरे खुद के केस में जब मुझे धमकी मिली थी तो मेरे पीए ने थाने में जाकर केस दर्ज करवाया था। जिसके तुरंत बाद मुझे सुरक्षा दी गई थी, लेकिन फिर वह कुछ समय बाद ही हटा ली गई थी। इसके लिए मुझे हाईकोर्ट जाना पड़ा था और फिर मुझे सुरक्षा दी गई थी।
अभय का कहना है कि आज अगर बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष कहीं जाता है तो उसकी सुरक्षा में जिला की पुलिस के अलावा दो स्पेशल गाड़ियां लगाई हुई हैं। यहां तक की किसी जिला का अध्यक्ष भी कहीं जाता है तो उसे भी सुरक्षा दी जाती है। बीजेपी का कोई छोटा-मोटा कार्यकर्ता भी झंडा बांधकर सुरक्षा की मांग करता है तो उसे भी सुरक्षा दे दी जाती है। 6 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी न जाने किस-किस की सुरक्षा में लगाए हुए हैं। जबकि जिन लोगों को जरूरत है, उनको सुरक्षा नहीं है। इसी वजह से आज यह घटना घटी।
लॉरेंस गैंग ने नहीं की वारदात- अभय
अभय ने आगे कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि इस मामले को जीआरपी को सौंपने की तैयारी है। यह कोई रेलवे हादसा नहीं है, यह वारदात की गई है। यह बहादुरगढ़ पुलिस की जिम्मेदारी है। हम इस मामले में चुप रहने वाले नहीं हैं। इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी इसमें कड़ा एक्शन लेगी और हम सरकार को मजबूर कर देंगे कि वह इसकी जांच सीबीआई को सौंपे।सरकार इस मामले के पीछे लॉरेंस गैंग को जिम्मेदार ठहरा कर अपना पल्ला झाड़ रही है। मैं लॉरेंस को इसके पीछे तब कारण मान सकता था, जब कभी उसकी तरफ से कोई धमकी भरी कॉल आई हो। उनकी तरफ से कभी कोई डिमांड नहीं की गई है।
हम मांग करेंगे कि इसकी जांच सीबीआई से हो। जो लोग दोषी हैं उनके खिलाफ तो कार्रवाई होनी ही चाहिए। लेकिन जिन लोगों ने सरकारी दबाब में आकर उन्हें सुरक्षा देने में आनाकानी की है, अपनी जिम्मेदारी को नहीं समझा उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।