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रूस में हमले का अलर्ट, जानिए किसने दिया

Alert of attack in Russia, know who gave it

सत्य खबर ,नई दिल्‍ली। रूस के खिलाफ NATO देश सीधे तौर पर कार्रवाई तो नहीं कर रहे हैं लेकिन यूक्रेन सेना की हथियारों से मदद कर रूस के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. लेकिन अब रूस के उपर देश के भीतर से भी हमला हो सकता है. खबरों के मुताबिक, रूस की राजधानी मॉस्को में बड़ा हमला होने वाला है. रूस में इस साल राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. खबरों की माने तो इन्ही चुनावों से पहले चरमपंथी संगठन रूस की राजधानी को दहलाने की साजिश रच रहे हैं. रूस में राष्ट्रपति चुनाव से पहले मॉस्को पर हमले को लेकर US एंबेसी ने बड़ी चेतावनी दी है. अमेरिकन एंबेसी के मुताबिक मॉस्को पर चरमपंथी गुटों की तरफ से बड़ा हमला हो सकता है.

15-17 मार्च को होने हैं चुनाव
रूस में इसी महीने 15 मार्च को राष्ट्रपति के चुनाव होने हैं. युद्धग्रस्त रूस को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जहां अतंरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की वजह से रूस की अर्थव्यवस्था अपने खराब दौर से गुजर रही है, तो जंग के लंबा खिंचने से देश के भीतर भी पुतिन के खिलाफ अवाजें उठने लगी हैं. इसी मौके का फायदा रूस के चरमपंथी गुट उठा सकते हैं. अमेरिकन एंबेसी ने अपने अहम इंपुट से दावा किया है कि रूस की राजधानी मॉस्को में बड़ा हमला हो सकता है. दावे में ये भी कहा गया कि चरमपंथी गुट मॉस्को के भीड़-भाड़ वाले इलाके को निशाना बना सकते हैं.

24 साल से पुतिन का राज
रूस में चुनाव तो होते हैं लेकिन वहां की सत्ता पर 24 सालों से पुतिन का कब्जा है. रूसी कानून के मुताबिक कोई भी 21 साल का रूसी नागरिक चुनाव में उम्मीदवार हो सकता है. लेकिन इस चुनाव में भी पुतिन के सत्ता से जाने की उम्मीद नहीं दिख रही है. कुछ लोग पुतिन की छवि को तानाशाही बता रहे हैं. हाल ही में रूसी विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी की विधवा यूलिया नवलनाया ने रूस के लोगों से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ बड़े पैमाने पर चुनावों के दौरान विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया था.

यूक्रेन-रूस युद्ध की क्या स्थिति
युद्ध को 2 सालों से ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक इसका कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक इस जंग मारे जाने वाले रूस और यूक्रेनियों की संख्या करीब 5 लाख के करीब है. इसके अलावा यूक्रेन के लाखों लोग अपने घरों से विस्थिापित हो चुके हैं. मौजूदा हालातों को देखते हुए तो युद्ध के जल्दी रुकने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं.

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