पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुग्राम निगम से 4 मंजिल से अतिरिक्त का जवाब मांगा ।
सत्य ख़बर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुग्राम में मौजूद स्टिल्ट प्लस 4 से अधिक रिहायशी इमारतों का ब्योरा गुरुग्राम निगम से मांगा है। वहीं
पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर व पार्षद की विवादित इमारत को मंजूरी देने और इसे वापस लेने से जुड़ा ब्योरा सौंपने के भी सरकार को निर्देश दिए गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुग्राम निवासी यशपाल अरोड़ा ने एडवोकेट अशोक त्यागी और गौरव त्यागी के माध्यम से हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर नियम और कानून को ताक पर रखकर बनाई गई बिल्डिंग का मामला उठाया है, जिसमें कुछ रसूखदार लोगों ने राजनीतिक दबाव में नियमों का उल्लंघन कर बिल्डिंग प्लान को मंजूर कराकर जहां सरकार को चुना लगाया। वहीं स्थानीय लोगों की जान को भी जोखिम में डाल दिया। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया है, कि शहर के ओल्ड रेलवे रोड के पास न्यू कॉलोनी स्थित पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर यशपाल बत्रा, उनकी पत्नी व पूर्व पार्षद मधु बत्रा से जुड़ी एक इमारत का बिल्डिंग प्लान गलत तरीके से मंजूर किया गया था। इस भवन में स्टिल्ट प्लस 5 मंजिल से अधिक का निर्माण किया गया था। जिसपर नगर निगम द्वारा दिखावे के लिए पीला पंजा भी एक बार चलाया जा चुका है, लेकिन फिर भी लगातार मा अवैध निर्माण चला रहा। जिसकी कई बार शिकायत भी स्थानीय जागरूक लोगों ने निगम अधिकारियों को करने के बाद भी अधिकारियों ने पूर्व डिप्टी मेयर के दबाव के चलते कोई कार्रवाई नहीं की जिसकी सीएम विंडो व उच्चाधिकारियों से भी शिकायत की गई । लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई थी। जिसमें जमकर कानून का उल्लंघन निगम अधिकारीयों ने किया था। जिस पर याचिकाकर्ता ने एक जनहित याचिका माननीय उच्च न्यायालय में दायर कर सरकार को निगम अधिकारियों की मिलीभगत की पोल खोली है। मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में बीते शुक्रवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जीएस संधावालिया एवं न्यायाधीश मनीष बत्रा की खंडपीठ के समक्ष हुई। जिसमें सुनवाई के दौरान पीठ ने इंटिरिम आदेश देते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों पक्षों के बीच के कोई आपसी व्यक्तिगत हित जुड़े हुए है,लेकिन यह विषय जनहित से जुड़ा हुआ है। सरकार की तरफ से पेश हुए एजी दीपक बालियान ने पीठ को जवाब देने के लिए समय की मांग की। वहीं अपने आदेश में पीठ ने कहा कि नगर निगम गुरुग्राम यह भी जवाब दे की गुरुग्राम में ऐसी कितनी इमारतें मौजूद है,जिसमें अतिरिक्त मंजिलें बनी हुई है।
वहीं इस मामले पर याचिका करता यशपाल अरोड़ा से फोन पर बात की गई तो उनका कहना था कि मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए वह इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं,मगर इतना अवश्य कहा कि इस निर्माण में नियम कानून को ताक पर रखा गया है। वहीं याचिका करता के एडवोकेट ने कहा कि खंडपीठ ने सरकार व नगर निगम से अगली तारीख तक जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 27 मई 2024 को होगी।