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पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जनहित याचिका पर नोटिस देकर सरकार से मांगा जवाब। BJP नेताओं की खुल रही है पोल

सत्य ख़बर,गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज :

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस की बेंच ने गुरुग्राम से संबंधित एक जमीन के मामले में दायर जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुग्राम निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट हरिंदर ढींगरा ने अपने एडवोकेट के एस केहर के माध्यम से जिले के गांव टिकरी स्थित एक जमीन के मामले में जनहित याचिका दायर कर मांग की है कि उक्त जमीन को सरकारी विभागों के अधिकारियों ने मिली भगत करके सारे नियम और कानून को ताक पर रखकर कुछ लोगों को आर्थिक फायदा पहुंचाने के लिए व्यवसायिक गतिविधियां चलाने की अनुमति दे दी। जबकि उक्त जमीन पर सार्वजनिक पार्किंग बनाने का प्रावधान विभाग की तरफ से रखा गया था।

जिसमें भ्रष्टाचार के चलते काफी अन्य गोलमोल भी हुआ है। उन्होंने दायर याचिका में कोर्ट को बताया कि जमीन के असल मालिकों ने एक नामी बिल्डर से साजबाज हो कर आईटी पार्क बना दिया है, जिसमें सरेआम व्यवसायिक गतिविधियां चलवा रखी है, जिस पर कोई भी विभाग कुछ भी कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं। जिसके संबंध में उन्होंने आरटीआई से भी जानकारी मांगी थी। वही इस तरह के जिले में हो रहे अवैध कार्यों को बंद करवाने के लिए प्रशासनिक अधिकारी यहां तक की चंडीगढ़ बैठे उच्च अधिकारों को भी पत्र द्वारा अवगत कराया गया था । लेकिन फिर भी भ्रष्टाचार के चलते सरकार और सीटों पर बैठे भ्रष्ट और लापरवाह अधिकारी मौन बने रहे। जिससे जहां सरकार को भी करोड़ों का चुनाव लगाया गया हुआ, वहीं अधिकारियों और जमीन के मालिकों ने जमकर चांदी कूटी। जनहित को देखते हुए सरकार इसको अधिग्रहण करे। दायर जनहित याचिका की सुनवाई बीते सोमवार को हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस विकास सूरी की बेंच में हुई। जिसमें सरकार की तरफ से एजी श्री बालियान और श्री अग्रवाल ने प्रतिवादी 1 से 9 व 14 की ओर से नोटिस स्वीकार किए। वहीं सूनवाई की अगली तारीख 22-08-24 लगा दी।

बता दें कि गुरुग्राम में भ्रष्ट अधिकारी और रसूखदार लोगों की मिलीभगत से आए दिन भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे हैं, जिससे जिले में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों की पोल आए दिन जनता और अदालतों में खुल रही है। लेकिन फिर भी भ्रष्टाचारीयों पर लगाम नहीं कसी जा रही हैं। वही शहर में इस बात की भी चर्चाएं आम है कि जब मामले अदालतों के सामने भी जा रहे हैं, तो न्यायपालिका को भी जनहित को देखते हैं उन पर तारीख पर तारीख देने की बजाय तुरंत ही कार्रवाई करने के आदेश देने चाहिए। जिससे कि भ्रष्ट लोगों के हौसले बुलंद ना हो सके,और उनके मन में कानून का हमेशा डर लग रहे। वहीं ऐसे धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के मामलों में सुप्रीम कोर्ट के वकील भी कई दफा कह चुके हैं कि विदेशों की तर्ज पर अगर हमारे देश में कानून बने तो भ्रष्ट और भ्रष्टाचारीयो पर जल्दी लगाम लग सकती है।

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