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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दिए आदेश, युटुबर एल्विस पर FIR दर्ज कराने वालो को सुरक्षा दे, सरकार

सत्य ख़बर, चण्डीगढ़, सतीश भारद्वाज :

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह यूट्यूबर एल्विश यादव का वायरल वीडियो रिकॉर्ड करने वाले और उसके खिलाफ सांप के जहर को ड्रग्स के रूप में इस्तेमाल करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराने वाले पशु अधिकार कार्यकर्ताओं को गुरुग्राम कोर्ट में पेश होने पर पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करे। आरोपी को हाल ही में रेव पार्टियों में सांप का जहर खरीदने और बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर कथित तौर पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972, आईपीसी (आपराधिक साजिश में शामिल होना), 284 (मानव सुरक्षा को खतरे में डालने वाले जहर से संबंधित लापरवाहीपूर्ण आचरण), और 289 (जानवरों के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण) और एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। बाद में उन्हें गुरुग्राम कोर्ट ने जमानत दे दी। याचिका में कहा गया है कि एक पशु अधिकार कार्यकर्ता ने गुरुग्राम कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी, क्योंकि पुलिस ने वायरल वीडियो से संबंधित एफआईआर दर्ज नहीं की थी, जिसमें यादव सांपों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत प्रतिबंधित है। न्यायमूर्ति जसजीत सिंह बेदी ने कहा, “जहां तक गुड़गांव में धारा 156(3) के तहत याचिकाकर्ताओं द्वारा दर्ज की गई शिकायत का संबंध है, जो एफआईआर में परिणत हुई है, गुड़गांव के पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया जाता है कि जब भी याचिकाकर्ताओं को गुड़गांव न्यायालय के समक्ष पेश होने की आवश्यकता हो, तो उन्हें पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए।” हालांकि, खतरे की धारणा के संबंध में, न्यायालय ने कहा कि आरोप मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश राज्य में धमकी से संबंधित हैं। न्यायालय ने कहा, “इसलिए, याचिकाकर्ता अपनी किसी भी शिकायत के निवारण के लिए उत्तर प्रदेश में उपयुक्त न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं।” सौरभ गुप्ता और उनके भाई गौरव गुप्ता ने यूट्यूबर और उनके सहयोगियों के खिलाफ पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था। जिसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता पशु अधिकार कार्यकर्ता हैं और उन्होंने आरोपी यादव का वायरल वीडियो रिकॉर्ड किया और रेव पार्टियों में सांप के जहर का इस्तेमाल करने के लिए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जब से उन्होंने मामले की रिपोर्ट की है, तब से उन्हें एल्विश और उसके साथियों से धमकी भरे फोन आ रहे हैं, जिसमें उनसे शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। दायर याचिका में कहा गया है, “याचिकाकर्ताओं को प्रतिवादी (एलविश यादव) और उनके हमलावरों से अपने जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करने की बहुत आवश्यकता है, क्योंकि ऊंची रसूखदार राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। वहीं स्थानीय पुलिस भी उनसे साज बाज है। जिन्होंने पहले भी शिकायत पर एल्विस के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया था। बाद में यह मुकदमा अदालत के आदेश पर दर्ज किया गया है।

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