सुप्रीम कोर्ट से Gautam Navlakha को बड़ी राहत, भीमा कोरेगांव मामले में मिली जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने आज भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी Gautam Navlakha को जमानत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि Gautam Navlakha पिछले चार साल से हिरासत में हैं. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अभी आरोप तय नहीं हुए हैं, इसलिए सुनवाई में काफी समय लग सकता है. जबकि इस मामले में 6 सह आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है. कोर्ट ने आगे कहा कि नवलखा की जमानत पर रोक को और आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं है.
Gautam Navlakha की जमानत पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी, जिसे कोर्ट ने आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है. वहीं, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस SVN Bhatti की पीठ ने नवलखा को जमानत की शर्त के तौर पर घर में नजरबंद रखने के दौरान हुए सुरक्षा खर्च के तौर पर 20 लाख रुपये जमा करने को भी कहा है.
Gautam Navlakha पर क्या है आरोप?
Gautam Navlakha नवंबर 2022 से नवी मुंबई में नजरबंद थे। उनकी उम्र और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें नजरबंद करने का आदेश दिया था, उन्हें पहले जेल में रखा गया था। नवलखा और अन्य सह-अभियुक्तों पर भीमा कोरेगांव स्मारक पर जातीय दंगे भड़काने का आरोप लगाया गया था। भीमा कोरेगांव महाराष्ट्र में पुणे के पास है.
अगस्त 2018 में गिरफ्तार हुए थे
Gautam Navlakha एक मानवाधिकार कार्यकर्ता और पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स के पूर्व सचिव हैं। उन्हें अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था। बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिछले साल Gautam Navlakha को जमानत दे दी थी लेकिन फिर अपने ही आदेश पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय आधार पर उन्हें घर में ही नजरबंद रखने का आदेश दिया.
भीमा कोरेगांव मामला क्या है?
पूरा मामला 31 दिसंबर 2017 का है और पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए भाषण से जुड़ा है. पुलिस प्रशासन ने उस समय दिए गए भाषणों को भड़काऊ माना था और यह भी तर्क दिया था कि उन भाषणों के बाद स्मारक के पास हिंसा हुई थी। 2018 में पुलिस ने पी. वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, अरुण अरोड़ा, वर्नो गोलसाल्विस और Gautam Navlakha को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था.