हरियाणा

गुरुग्राम में तैनात HSVP के भ्रष्ट अधिकारी भेदभाव से कार्य कर रहे हैं, पीड़ित दर-दर भटक रहे हैं 

सत्य ख़बर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :

एचएसवीपी के सेक्टर-15 पार्ट-2 के प्लॉट नंबर 893 में छह मंजिला भवन बनाने में नियमों की अनदेखी करने पर गुरुग्राम के ईओ वन ने कड़ा संज्ञान लेते हुए भवन की ओसी निरस्त कर दी है। वहीं संपदा अधिकारी ने संबंधित अधिकारी को सीवर-पानी का कनेक्शन काटने का निर्देश दिया है। भवन मालिक पर ओसी लेने के बाद भवन निर्माण में बदलाव कर नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगा था है।

स्थानीय निवासी पंजाब एंड हरियाणा बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एडवोकेट जोगिंद्र माहेश्वरी के अनुसार बताया गया है कि 893 नंबर प्लॉट पर बने मकान को नियमों को ताक पर रखकर बनवाया गया है। उनका कहना है कि एचएसवीपी के अधिकारियों से इसकी शिकायत भी की गई थी। उनका आरोप है कि ओसी लेने के बाद भवन में अवैध तरीके से निर्माण किया गया है। बेसमेंट भी गलत तरीके से बनाया गया है। आरोप लगाया कि कई शिकायत देने के बाद भी एचएसपीपी के अधिकारी ने मिली भगत से कार्रवाई को दबा कर रखा। धीमी गति से कार्रवाई चल रही है। उनका कहना है कि प्लॉट धारक ने ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) लेने के बाद मकान में बदलाव किया है। पूर्व बार प्रधान ने कहा कि एचएसपीपी को ओसी निरस्त करने के बाद जल्द ही आगे की कार्रवाई करनी चाहिए थी जिसमें उन्होंने घोर लापरवाही बरती। उनका कहना है कि तय मानकों की अनदेखी से बने इस भवन से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने मांग की थी कि जल्द ही सीवर-पानी का कनेक्शन काटने के साथ अवैध निर्माण पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

वहीं इस पर ईओ वन विकास ढांडा का कहना था कि नियमों का उल्लंघन करने पर मकान की ओसी रद्द कर दी गई है। संबंधित अधिकारी को सीवर-पानी का कनेक्शन काटने समेत अन्य जरूरी कदम उठाने के आदेश दिए गए हैं।

बता दें कि विभाग को इस तरह की अवैध निर्माण की दर्जनों शिकायतें स्थानीय सैक्टर 21,22,23 व,23ए की क्षेत्र के समाज सेवकों ने दी हुई है, जिनमें कुछ को विभाग ने नोटिस भेजा था,मगर सीएम के एक पुल ओएसडी के दबाव के चलते विभाग के अधिकारी आगे कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं। विभाग ने सैक्टर 22 के एक मकान नम्बर 124-147 व 617 को भी भेजे हुएं हैं। जिसमें क्षेत्र का पार्षद रविंद्र रहते हैं। वहीं सैक्टर 22बी के एक निवासी तो अवैध निर्माण हटवाने के लिए अदालत की शरण में भी पहुंच चुका है।

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