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दो साल बाद हुआ पानीपत के विनोद बराड़ा हत्याकांड का खुलासा, जानिए कैसे काबू आए पत्नी व प्रेमी

सत्य खबर , सतीश शर्मा, पानीपत ।
परमहंस कुटिया कॉलोनी में दिसम्बर 2021 में हुई कप्यूटर सेंटर संचालक विनोद बराड़ा की हत्या की वारदात को सीआईए थ्री पुलिस टीम ने 2 साल बाद सूलझाने में कामयाबी हासिल की है। मृतक विनोद बराड़ा की पत्नी निधी ने प्रेम प्रंसग के चलते अपने प्रेमी के साथ मिलकर साजिश रच पंजाब के भटिंडा निवासी युवक से विनोद का पहले एक्सीडेंड करवाया। एक्सीडेंड में विनोद बराड़ा की मौत नहीं हुई तो उक्त युवक से ढ़ाई महीने बाद पिस्तौल से गोली मरवाकर विनोद की हत्या करवाई थी। पुलिस ने मृतक विनोद की पत्नी आरोपी निधी व उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो दोनों आरोपियों ने हत्या करवाने की उक्त वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकार कर लिया। पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि थाना शहर में वीरेंद्र पुत्र देसराज निवासी परमहंस कुटिया ने दिसम्बर 2021 में पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसका भतीजा विनोद सुखदेव नगर में हॉरट्रोन कंप्यूटर सेंटर चलाता था। 5 अक्तूबर 2021 की शाम विनोद परमहंस कुटिया के गेट पर बैठा था। तभी एक पंजाब नंबर की गाड़ी के चालक ने विनोद को गाड़ी से सीधी टक्कर मार दी। विनोद की दोनों टांगे टूग गई थी। उन्होंने इस बारे थाना शहर में आरोपी गाड़ी चालक के खिलाफ अभियोग दर्ज करवा दिया था। पुलिस ने गाड़ी के चालक आरोपी देव सुनार उर्फ दीपक निवासी भटिंडा पंजाब को गिरफ्तार कर लिया था। इसके करीब 15 दिन बाद देव सुनार समझौते के लिए उसके पास आया। उन्होंने समझौता करने से मना कर दिया तो आरोपी अंजाम भूगतने की धमकी देकर चला गया। इसकी रंजिश रखते हुए आरोपी देव सुनार 15 दिसम्बर 2021 को देसी पिस्तौल लेकर सुमित के घर पर आया और अंदर घुसकर दरवाजा बंद कर कुंडी लगा ली। यह देख विनोद की पत्नी ने शोर मचाया तो वह शोर सुनकर सहायता के लिए बेटे यश, निधी व पडोसी के साथ विनोद के घर पहुंचा। उन्होंने दरवाजा खोलने की कोशिश की पर दरवाजा नहीं खुला। उसने खिडक़ी से देखा तो आरोपी देव सुनार ने विनोद को बेड से निचे गिरा कर पिस्तौल से कमर व सिर में गोली मार दी। उन्होंने आरोपी देव सुनार को मौके पर ही काबू कर पुलिस के हवाले कर दिया था और खुन से लथपथ भतीजे विनोद को अग्रसैन हास्पिटल लेकर गए थे। वहां डॉक्टर ने विनोद को मृत घोषित कर दिया। वीरेंद्र की शिकायत पर थाना शहर में अभियोग दर्ज कर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई गई थी। पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि आरोपी देव सुनार पानीपत जेल बंद था। पुलिस की और से न्यायालय में चालान पेश किया जा चुका था और मामला न्यायालय में ट्रायल पर था। पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि गत दिनों उनके पास मृतक विनोद बराड़ा के भाई जो आस्ट्रेलिया में रहते हैं उनका वॉटसअप पर एक मैसेज आया। उसने मामले में अन्य आरोपियों की संलिप्तता होने का संदेह जताया। उन्होंने इसको गंभीरता से लेते हुए सीआईए थ्री प्रभारी इंस्पेक्टर दीपक कुमार को दिशा निर्देश देकर जिम्मेदारी सौपी। सीआईए थ्री पुलिस टीम ने फाईल का दोबारा गहनता से अध्ययन किया और न्यायालय से अनुमति लेकर दोबारा से अनुसंधान शुरू किया। अनुसंधान के दौरान सामने आया कि आरोपी देव सुनार की सुमित नाम के युवक के साथ बातचीत थी। वहीं सुमित की मृतक विनोद बराड़ा की पत्नी निधी से काफी बातचीत होनी पाई गई। पुलिस टीम ने 7 जून को आरोपी सुमित उर्फ बंटू निवासी गोहाना को सेक्टर 11-12 की मार्केट से गिरफ्तार कर पूछताछ की तो आरोपी देव सुनार से विनोद का पहले एक्सिडेंट व बाद में गोली मरवाकर हत्या करवाने की वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा। गहनता से पूछताछ करने के लिए पुलिस ने 7 जून को आरोपी सुमित उर्फ बंटू को न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे 7 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया । रिमांड के दौरान पूछताछ में आरोपी सुमित उर्फ बंटू ने पुलिस को बताया वह वर्ष 2021 में पानीपत में एक जिम में ट्रेनिंग देता था। विनोद की पत्नी निधी भी वहां जिम करने के लिए आती थी। इसी दौरान दोनों की दोस्ती हो गई। दोनों आपस में काफी बातचीत करते थे। विनोद को उन दोनों के बारे में पता चला गया तो उसकी विनोद के साथ एक दो बार कहासुनी भी हुई। विनोद घर पर अपनी पत्नी निधी के साथ भी झगड़ा करने लगा। बाद में उसने व निधी ने विनोद की एक्सीडेंट में हत्या करवाने की साजिश रची।
पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने बताया पूछताछ में आरोपी सुमित उर्फ बंटू ने बताया वह जानकार ट्रक ड्राइवर देव सुनार उर्फ दीपक निवासी भटिंडा से मिला और उसको 10 लाख रूपये कैश व केस का सारा खर्च देने का प्रलोभन देकर वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार किया था। पुलिस अधीक्षक अजीत सिंह शेखावत ने बताया कि पुलिस ने आरोपी निधी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने सुमित उर्फ बंटू के साथ मिलकर उक्त वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा। रिमांड अवधी पूरी होने पर पुलिस ने शनिवार को दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है।

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