पारम्परिक तरीके से स्कूलों में मनाई गई हरियाली तीज
सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – नगर के बीएसएम स्कूल व बचपन स्कूल में हरियाली तीज पारम्परिक तरीके से मनाई गई। दोनों ही स्कूलों में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस मौके पर विद्यालय प्रांगण में झूले सजाए गए और बच्चों ने झूले झूलकर इस पर्व का जमकर लुत्फ उठाया। अपने संबोधन में बीएसएम स्कूल के चेयरमैन अरुण खर्ब ने कहा कि उत्तर भारत में हरियाली तीज का बहुत महत्व है। इस दिन सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन माता पार्वती ने 100 साल की तपस्या के बाद भगवान शिव को प्राप्त किया था।
हिन्दू मान्यताओं में अमावस्या को सर्वाधिक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व दिया गया है। वैसे तो हर महीने अमावस्या आती है, लेकिन श्रावण मास की अमावस भगवान शिव शंकर के प्रिय महीने सावन में आती है इसलिए इस दिन विशेष रूप से पूजा-पाठ और दान-पुण्य किया जाता है। सावन के महीने में चारों ओर हरियाली होने की वजह से इसे हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। इस अमावस्या के दो दिन बाद हरियाली तीज आती है। यह त्यौहार एक धार्मिक महत्व रखता है।