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Bangladesh protests: ‘हिंदुओं को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए,’ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ने बांग्लादेशी समकक्ष को लिखा पत्

Bangladesh protests: शेख हसीना के इस्तीफे के बाद से बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच, पूर्व एससीबीए अध्यक्ष ने बांग्लादेशी बार प्रमुख को पत्र लिखकर हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के निवर्तमान अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने बांग्लादेश बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को पत्र में कहा है कि पड़ोसी देश में उथल-पुथल के बीच हिंदुओं को जानबूझकर निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।

शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद से बांग्लादेश में अशांति है। प्रदर्शनकारियों की हिंसा थम नहीं रही है। इस हिंसा में खासकर हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। पूर्व एससीबीए अध्यक्ष ने हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेशी बार प्रमुख को पत्र लिखा है।

Bangladesh protests: 'हिंदुओं को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए,' सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ने बांग्लादेशी समकक्ष को लिखा पत्

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के निवर्तमान अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने बांग्लादेश के शीर्ष अदालत बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महबूबुद्दीन खोकन से अनुरोध किया है कि पड़ोसी देश में उथल-पुथल के बीच हिंदुओं को जानबूझकर निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।

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सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की अपील क्या है?

उनकी अपील धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और बांग्लादेश में अशांति के दौरान उनके खिलाफ लक्षित हिंसा को रोकने की आवश्यकता पर जोर देती है।

उन्होंने मानवाधिकारों की सुरक्षा में कानूनी पेशे की भूमिका पर जोर दिया और पड़ोसी देश में हिंदुओं के खिलाफ कथित हिंसा पर चिंता व्यक्त की, और बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन से उनके उत्पीड़न से सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।

शेख हसीना और उनकी बहन की गिरफ्तारी का भी उल्लेख किया

बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने हाल की रिपोर्टों का भी उल्लेख किया, जिसमें भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना को गिरफ्तार करने का आग्रह किया गया था।

उन्होंने जानकारी दी कि 28 जनवरी 2013 को हस्ताक्षरित और 23 अक्टूबर 2013 को अनुमोदित ‘भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि’ के तहत प्रत्यर्पण के लिए यह आवश्यक है कि व्यक्तियों पर अभियोग लगाया गया हो या उन्हें प्रत्यर्पण योग्य अपराध का दोषी पाया गया हो।

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भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी चर्चा हुई

आदिश अग्रवाल ने भारत और बांग्लादेश की कानूनी समुदायों के बीच मजबूत सहयोगात्मक संबंधों को उजागर किया। उन्होंने भारतीय बार प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करने में अपनी भूमिका पर भी प्रकाश डाला और विभिन्न अवसरों पर बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन से मिली सराहना के लिए आभार व्यक्त किया।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने उल्लेख किया कि बांग्लादेश के कई पूर्व मुख्य न्यायाधीशों ने लंदन और नई दिल्ली में भारतीय कानूनी समुदाय द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है।

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