Patna: बिहार में मिला एटम बम बनाने में उपयोग होने वाला कैलिफ़ोर्नियम! दिल्ली से मुंबई तक मची खलबली; 50 ग्राम की कीमत 850 करोड़ रुपये
Patna: बिहार के गोपालगंज जिले से एक पदार्थ बरामद हुआ है, जिससे दिल्ली से मुंबई तक हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि बिहार पुलिस द्वारा बरामद इस पदार्थ का नाम कैलिफ़ोर्नियम है, जिसका उपयोग एटम बम बनाने में किया जाता है। हालांकि इसका अन्य कई उपयोग भी होता है, लेकिन इसे अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। कैलिफ़ोर्नियम एक प्रतिबंधित रेडियोधर्मी पदार्थ है। भारत में कोई भी आम व्यक्ति इसे खरीद या बेच नहीं सकता है। ऐसे में गोपालगंज से बरामद इस कैलिफ़ोर्नियम जैसे पदार्थ की जांच के लिए एफएसएल की एक विशेष टीम को बुलाया गया है। इसके अलावा मुंबई के भाभा रिसर्च सेंटर से भी वैज्ञानिकों की एक टीम को गोपालगंज बुलाया गया है।
पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार
बिहार के गोपालगंज से बरामद इस पदार्थ को लेकर इतना हंगामा इसलिए हो रहा है क्योंकि इसे तस्करी के जरिए लाया जा रहा था। बिहार पुलिस ने यूपी बॉर्डर से 50 ग्राम संदिग्ध कैलिफ़ोर्नियम के साथ 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस द्वारा जब्त किए गए 50 ग्राम कैलिफ़ोर्नियम की कीमत 850 करोड़ रुपये बताई जा रही है। पकड़े गए आरोपियों में एक तस्कर और दो लाइनर्स शामिल हैं। मुख्य आरोपी छोटेलाल प्रसाद यूपी के कुशीनगर जिले का निवासी है, जबकि दोनों लाइनर्स गोपालगंज के रहने वाले हैं। जानकारी के अनुसार, आरोपी गुजरात से कैलिफ़ोर्नियम लेकर बिहार आ रहे थे, लेकिन बिहार पुलिस को इसकी भनक लग गई और एक टीम बनाई गई और आरोपियों की गाड़ी को रोक दिया गया। गाड़ी की तलाशी के दौरान पुलिस को संदिग्ध कैलिफ़ोर्नियम मिला, जिसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि पकड़े गए तस्कर पिछले कई महीनों से कैलिफ़ोर्नियम को बेचने की कोशिश कर रहे थे।
जांच के लिए कई टीमों को बुलाया गया
पुलिस के अनुसार, आरोपियों से कैलिफ़ोर्नियम की लैब टेस्ट रिपोर्ट भी मिली है, जो आईआईटी मद्रास से है। हालांकि, आईआईटी मद्रास ने ऐसा कोई प्रमाणपत्र जारी करने से इनकार किया है और इसे पूरी तरह से फर्जी बताया है। अब यह जांच की जा रही है कि गोपालगंज से जब्त किया गया कैलिफ़ोर्नियम असली है या नकली। बिहार पुलिस ने इस संदिग्ध कैलिफ़ोर्नियम की जांच के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग से संपर्क किया है। इसकी जांच के लिए एफएसएल की एक विशेष टीम को बुलाया गया है। इसके अलावा, मुंबई के भाभा रिसर्च सेंटर से वैज्ञानिकों की एक टीम को भी गोपालगंज बुलाया गया है। इसके अलावा, पुलिस तस्करी, हैंडलिंग और इससे जुड़े अन्य लिंक की भी जांच कर रही है। गोपालगंज पुलिस ने पुदुचेरी पुलिस से भी संपर्क किया है। पुलिस यह जानना चाहती है कि पकड़े गए तस्कर इतने महंगे पदार्थ को कैसे खरीद पाए। क्या इसमें कोई बड़ा गिरोह शामिल है?
क्या है कैलिफ़ोर्नियम?
कैलिफ़ोर्नियम एक प्रयोगशाला में तैयार किया जाने वाला पदार्थ है। कैलिफ़ोर्नियम के सभी समस्थानिक रेडियोधर्मी होते हैं। इसका उपयोग परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में न्यूट्रॉन स्टार्टअप स्रोत के रूप में किया जाता है। इसके अलावा, इसका उपयोग कैंसर जैसी बीमारियों के इलाज में भी होता है। कैलिफ़ोर्नियम का उपयोग परमाणु रिएक्टरों और कोयला ऊर्जा उत्पादन में भी होता है। सिर्फ 1 ग्राम कैलिफ़ोर्नियम की कीमत 17 करोड़ रुपये बताई जाती है। कैलिफ़ोर्नियम की कीमत चांदी से 20 लाख गुना, सोने से 24 हजार गुना और हीरे से 40 गुना ज्यादा होती है। यह इतना कीमती है कि इसे कहीं देखा भी नहीं जाता और इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इसे बड़ी सुरक्षा के साथ उच्च स्तर के वैज्ञानिकों की देखरेख में तैयार किया जाता है। एक वर्ष में प्रयोगशाला में केवल कुछ ग्राम कैलिफ़ोर्नियम ही तैयार किया जा सकता है। कैलिफ़ोर्नियम एक सिंथेटिक रेडियोधर्मी तत्व है, अर्थात यह प्राकृतिक रूप से पृथ्वी पर नहीं पाया जाता है। इसे केवल प्रयोगशाला में ही बनाया जा सकता है। पूरे विश्व में केवल 24 सिंथेटिक तत्व हैं, जिनमें कैलिफ़ोर्नियम भी शामिल है। इसके परिवहन के लिए विशेष शिपिंग कंटेनरों की आवश्यकता होती है। कैलिफ़ोर्नियम तत्व को पहली बार 1950 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले की एक टीम द्वारा बनाया गया था। भारत में कैलिफ़ोर्नियम केवल मुंबई के भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर से प्राप्त किया जा सकता है।