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Kedarnath में वायुसेना का बचाव अभियान पूरा, 200 से अधिक लोगों को बचाया गया

Kedarnath: भारतीय वायुसेना द्वारा केदारनाथ में चलाया गया बचाव अभियान रविवार को समाप्त हो गया। उत्तराखंड के केदारनाथ के पास बादल फटने के कारण विनाशकारी भूस्खलन हुआ, जिसमें यहाँ आए तीर्थयात्री फंस गए थे। इस पहाड़ी क्षेत्र में भारतीय वायुसेना ने लगभग 10 दिनों तक एक बड़ा बचाव अभियान चलाया, जिसके तहत 200 से अधिक लोगों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित बाहर निकाला गया। वर्तमान में, अभियान के समाप्त होने के बावजूद वायुसेना ने अपने एक हेलीकॉप्टर को अभी भी स्टैंडबाय पर रखा है।

Kedarnath में वायुसेना का बचाव अभियान पूरा, 200 से अधिक लोगों को बचाया गया

वायुसेना के अनुसार, 218 लोगों को गौरीकुंड से बचाया गया, जहाँ बादल फटने के कारण विनाशकारी भूस्खलन हुआ था, जिससे तीर्थयात्री फंस गए थे। 10 दिनों के इस अभियान में भारतीय वायुसेना के MI-17 V5 और चिनूक हेलीकॉप्टरों ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करते हुए बुजुर्ग, घायल और बीमार लोगों को निकाला। इसके अलावा, वायुसेना ने यहाँ फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए 6 टन से अधिक राहत सामग्री भी एयरलिफ्ट की।

भूस्खलन से प्रभावित हुआ क्षेत्र

वायुसेना के अनुसार, एक चिनूक अभी भी यहाँ स्टैंडबाय पर है, जबकि MI-17 V5 को हटा दिया गया है। रविवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि भारतीय वायुसेना ने उत्तराखंड के केदारनाथ में कई दिनों तक चले अपने बचाव अभियान को पूरा कर लिया है। यह क्षेत्र हाल ही में भूस्खलन से प्रभावित हुआ था। वायुसेना ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र से अंतिम जीवित व्यक्ति को निकालने के बाद केदारनाथ घाटी में अपने बचाव अभियान को समाप्त कर दिया।

विशेष अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ आयोजित

वहीं, भारतीय वायुसेना द्वारा देश में एक विशेष अभ्यास ‘तरंग शक्ति’ का भी आयोजन किया जा रहा है। इस अभ्यास का पहला चरण तमिलनाडु के सुलूर में चल रहा है। रविवार को भारतीय वायुसेना ने विभिन्न देशों की वायु सेनाओं के अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ इस अभ्यास को जारी रखा। यह भारत में आयोजित किया गया पहला बहुराष्ट्रीय अभ्यास है। इस बहुराष्ट्रीय अभ्यास का पहला चरण 14 अगस्त तक सुलूर, तमिलनाडु में चलने वाला है। वर्तमान में, भारतीय वायुसेना के अलावा जर्मनी, फ्रांस, यूके, स्पेन की वायुसेनाएं भी इसमें शामिल हैं। इस अभ्यास में भाग लेने के लिए कुल 51 देशों को आमंत्रित किया गया है। अमेरिकी वायुसेना भी इस अभ्यास के दूसरे चरण में भाग लेने वाली है।

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