विधानसभा चुनाव 2024,DEO ने कहा अफवाहों से सावधान रहे वोटर्स नेता और अधिकारियों की कथनी करनी में दिन-रात का अंतर : चर्चाएं
सत्य ख़बर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान आम मतदाता किसी भी प्रकार की अफवाह, भ्रामक समाचार व सामाजिक वैमनस्य पैदा करने की कोशिशों से सावधान रहें। सोशल मीडिया या अन्य किसी माध्यम से कोई व्यक्ति अफवाह फ़ैलाने की हरकत करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
डीसी निशांत कुमार यादव ने आज कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान पटौदी, सोहना, गुड़गांव और बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रशासनिक स्तर पर कई टीमें एक्टिव मोड में रहेंगी। इसलिए शांति पूर्वक चुनाव संपन्न करवाने में आम नागरिक जिला प्रशासन का सहयोग करें। चुनाव के समय अक्सर कुछ शरारती तत्व सक्रिय हो जाते हैं, जो किसी भी पार्टी, उम्मीदवार, धर्म, जाति या क्षेत्र के नाम पर अफवाहें फैलाने की कोशिश करते हैं। इनसे निपटने के लिए जल्दी ही विधानसभा क्षेत्र के स्तर पर तथा जिला स्तर पर सक्षम अधिकारियों, पुलिस विभाग व विशेषज्ञों की टीमें गठित की जाएंगी। जो कि भड़काऊ भाषण, झूठी खबरों पर कड़ी निगरानी रखेंगी।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने राजनीतिक दलों के साथ-साथ आमजन से भी ये अनुरोध किया है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार से भ्रामक, आपत्तिजनक या विवादित पोस्ट न डालें। कोई भी प्रचार सामग्री पोस्ट करने से पहले से उसको भली-भांति पढ़ लें। चुनाव आयोग व जिला प्रशासन की सोशल मीडिया और इंटरनेट सेवाओं पर पूरी नजर है। यदि कोई सोशल मीडिया पर गैर जिम्मेदाराना पोस्ट करता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव के संदर्भ में नागरिक सी-विजिल एप व टोल फ्री नंबर 1950 पर अपनी शिकायत रख सकते हैं।
वहीं जिले में इस बात की भी चर्चाएं जोरों पर है कि नेताओं और अधिकारियों की करनी और कथनी में बहुत ही अंतर होता है, गत वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में भी आदर्श आचार संहिता की खुब अवहेलना हुई थी। इसके बारे में जागरूक नागरिकों ने X पर भी काफी पोस्ट डाली थी फिर भी जिला निर्वाचन अधिकारी ने कोई संज्ञान नहीं लिया,वहीं अभी भी जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। वहीं शहर के लोगों में इस बात की चर्चाएं है की उपयुक्त महोदय तो केवल मिडिया में बयान बाजी करके सुर्खियां बटोरने में ही लगे रहते हैं, जबकि उनकी कार्य शैली में दिन-रात का अंतर है। जब जागरूक जिलेवासी अपनी किसी मामले में फरियाद लेकर जाते हैं तो उसे भी ग़लत लहजे में रुखसत कर देते हैं।