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Haryana : पूर्व सीपीएस एवं भाजपा नेता जिले राम शर्मा के राजनीतिक कैरियर पर फिर मंडराए खतरे के बादल

सत्य खबर, चंडीगढ़ ।
करनाल के कंबोपुरा गांव के पूर्व सरपंच कर्म सिंह की मौत का मामला भाजपा नेता व पूर्व विधायक जिले राम शर्मा का पीछा नहीं छोड़ रहा है। शर्मा कांग्रेस छोड़ भाजपा में तो आ गए, लेकिन फिर से विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं। सीबीआई कोर्ट ने 7 माह पहले ही जिले राम शर्मा को इस मामले में क्लीन चिट दी थी।

अब परिजनों ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस बार जिले राम शर्मा भाजपा से असंध विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे हैं। टिकट आबंटन से ठीक पहले ही मामला एक बार फिर सुर्खियों में आने से पूर्व विधायक की मुश्किलें बढ़ रही हैं।
मृतक कर्म सिंह के बेटे राजिंदर सिंह और उनकी पत्नी ने बताया है कि हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। 5 सितंबर से इस पर सुनवाई शुरू होने जा रही है। इससे पहले ही सरकार ने 24 अगस्त को उन्हें मिली सुरक्षा वापस ले ली है।

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राजिंदर सिंह ने आरोप लगाया है कि भाजपा नेता के लोग उन्हें लगातार धमका रहे हैं। पुलिस सुरक्षा हटने के कारण परिवार के लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। परिवार को दोबारा सुरक्षा प्रदान करने के लिए उन्होंने पुलिस महानिदेशक और मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा है। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भी पत्र लिखकर उचित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर इंसाफ नहीं मिला तो वे जिले राम शर्मा के आवास के बाहर आत्मदाह कर लेंगे।

कर्म सिंह की मौत जिले राम शर्मा के सियासी करियर के लिए धक्का साबित हुई है। 7 जून 2011 को कर्म सिंह का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था। परिजनों ने उनकी मौत के लिए जिले राम शर्मा को आरोपी ठहराया। उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी और जिले राम शर्मा सरकार में सीपीएस थे।

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करनाल पुलिस ने मामले की जांच की, लेकिन बाद में मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई ने इस केस में तत्कालीन सीपीएस और नेता जिले राम शर्मा, मंत्री के PA राजेंद्र शर्मा और पूर्व मंत्री ओम प्रकाश जैन पर आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया।

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