Haryana : नहीं रहे यह पूर्व विधायक
सत्य खबर, पलवल ।
पलवल में पूर्व विधायक सुभाष चौधरी का मंगलवार को 73 साल की उम्र में निधन हो गया। शाम को उनका श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए भीड़ उमड़ी।
सुभाष चौधरी को ब्रेन हेमरेज हुआ था। 4 दिन से उनका फरीदाबाद के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था।
वह कांग्रेस पार्टी में थे। उन्होंने पलवल सीट से टिकट मांगी थी। इलेक्शन से पहले निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि ये उनका लास्ट चुनाव होगा। अगर टिकट न मिला तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। इस बीच कांग्रेस ने करण दलाल को टिकट दे दिया। जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी।
सुभाष चौधरी की पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी है। उनका एक बेटा अमरजीत और एक बेटी सविता है। दोनों की शादी हो चुकी है। बेटी पहले प्रिंसिपल थी, लेकिन शादी के बाद नौकरी छोड़ दी।
सुभाष चौधरी पलवल जिले की राजनीति का जाना-माना चेहरा थे। वह कई बार पार्षद के साथ नगर परिषद के अध्यक्ष भी रहे। 1996 में उन्होंने पहली बार बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और वह दूसरे स्थान पर रहे।
इसके बाद उन्होंने लगातार चुनाव लड़े। 2009 में उन्होंने इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल को हराया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समधी करण दलाल को हराने के बाद सुभाष चौधरी पूरे प्रदेश की सुर्खियों में रहे। उन्होंने 2014 का चुनाव फिर से इनेलो की टिकट पर लड़ा, मगर वह कामयाब नहीं हो पाए। 2019 के चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हो गए, मगर उन्हें भाजपा से टिकट नहीं मिली।
लोकसभा चुनाव-2024 से पहले उन्होंने भाजपा छोड़कर कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र प्रताप को अपना समर्थन दिया। लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने कांग्रेस से पलवल विधानसभा सीट पर अपनी दावेदारी ठोक दी।
कांग्रेस ने पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल पर ही विश्वास जताया। बीते शुक्रवार को अचानक सुभाष चौधरी को ब्रेन हेमरेज हो गया। इस दौरान वह अपने निवास स्थान पर आए लोगों से बातचीत कर रहे थे। आनन-फानन में फरीदाबाद के निजी अस्पताल में ले जाया गया। जहां वह कोमा में चले गए। मंगलवार की सुबह उनका निधन हो गया।